रांची: झारखंड के नई चंपई सोरोन सरकार के लिए कल अहम दिन है. नए CM चंपई सोरेन 5 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत का सामना करेंगे. इसके लिए विशेष सत्र बुलाया गया है. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और उसके गठबंधन सहयोगियों के करीब 40 विधायक कल होने वाले शक्ति परीक्षण में शामिल होने के लिए हैदराबाद से आज रांची लौट आए हैं.
जेएमएम नेता चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद विधायकों को हैदराबाद के पास एक रिसॉर्ट में रखा गया था. टूट की डर से गठबंधन सरकार ने ये फैसला लिया था. विधायक 1 फरवरी को रांची एयरपोर्ट से चार्टर्ड में सवार हुए थे, लेकिन घने कोहरे के कारण फ्लाइट उड़ नहीं पाई थी. इसके बाद 2 फरवरी को वे हैदराबाद के लिए रवाना हुए. इधर झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन विधानसभा में विश्वास मत के दौरान मौजूद रहेंगे. रांची की विशेष कोर्ट ने शनिवार को हेमंत को इसकी अनुमति दे दी.
झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 41 से अधिक विधायक हैं. 81 सीटों में से एक खाली है, इसलिए 80 सीटों की गिनती करने पर बहुमत का आंकड़ा 41 है. जेएमएम, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) के पास कुल 46 विधायक हैं. बीजेपी और सहयोगी दलों के पास 29 विधायक हैं.
जेएमएम 28
कांग्रेस 16
राजद 1
सीपीआई (एमएल) 1
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब तक कुछ बड़ा मोड़ नहीं आता, झामुमो सरकार फ्लोर टेस्ट में पास कर जाएगी. यह पहली बार नहीं है जब झामुमो को शक्ति परीक्षण का सामना करना पड़ रहा है. सितंबर 2022 में, हेमंत सोरेन की सरकार ने उनके पक्ष में 48 वोटों के साथ बहुमत परीक्षण जीता. तब भी भ्रष्टाचार के आरोपों पर हेमंत सोरेन को विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने का खतरा था. झारखंड में अबतक के फ्लोर टेस्ट की बात करें तो यहां अब तक विधानसभा में 11 बार तत्कालीन सरकारों द्वारा बहुत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है.