केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार (8 अप्रैल) को बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 5 कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. दरअसल, इन्हें साल 2015 में पी.जी. दीपक, जो पूर्व में बीजेपी कार्यकर्ता और जनतादल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष थे, उनकी हत्या करने के मामले में दोषी ठहराया गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना त्रिशूर जिले के पझू गांव में हुई थी. दीपक, जो बाद में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल हो गए थे, उनकी हत्या साल 2015 में एक हिंसक हमले में की गई थी. हालांकि, त्रिशूर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने इस मामले में 5 आरोपियों एम.एस. ऋषिकेश, के.यू. निजिल (कुंझप्पू), के.पी. प्रशांत (कोचू), रशांत और वी.पी. ब्रेस्नेव को भारतीय दंड सहिंता (आईपीसी) की धाराओं 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत दीपक की पत्नी वर्षा द्वारा दायर अपील के बाद मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा दी गई.
जानिए हत्यारोपियों पर हाई कोर्ट ने क्या कहा?
इस दौरान केरल हाई कोर्ट के जस्टिस पी.बी. सुरेश कुमार और न्यायमूर्ति जबिन सेबेस्टियन की बेंच ने हत्या के आरोपों को सही ठहराया और पांच आरोपियों की सजा का आदेश दिया. हाई कोर्ट ने यह फैसला मार्च 27 को दिया.
हालांकि, इससे पहले, निचली अदालत ने सभी आरोपियों को आरोपों से मुक्त कर दिया था, क्योंकि अभियोजन पक्ष हमलावरों की पहचान करने में असमर्थ था, जिन्होंने हमले के दौरान मास्क पहन रखे थे. लेकिन हाई कोर्ट ने पाया कि निचली अदालत ने साक्ष्यों की सही तरीके से जांच नहीं की.
अन्य आरोपियों को मिली राहत
इस मामले में पांच और आरोपियों शिवदासन, रगेश, के.एस. बैजू, सरासन और सनंद को निर्दोष पाया गया. जिसके चलते उन्हें बरी कर दिया गया है. इन आरोपियों पर हिंसा भड़काने और सबूतों को नष्ट करने का आरोप था, लेकिन उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया.
जानिए क्या है पूरा मामला?
बता दें कि, ये हत्या 25 मार्च 2015 की रात को हुई थी, जब दीपक अपनी राशन की दुकान बंद करने जा रहे थे. उस दौरान हमलावर गाड़ी में आए और दीपक को बेरहमी से हत्या कर दी. इस दौरान जो लोग हस्तक्षेप करने पहुंचे, उन्हें भी पीटा गया. क्योंकि, दीपक ने अपनी राजनीतिक पार्टी बीजेपी को छोड़कर जनतादल (यू) जॉइन किया था, जो बाद में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) बन गई. बता दें कि, यह हत्या बीजेपी से उनके निष्कासन से जुड़ी राजनीतिक दुश्मनी का परिणाम थी.