India GDP Growth: भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर जो आशंकाएं जताई जा रही थीं, उन पर अब विराम लग गया है. फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.9% कर दिया है. पहले यह 6.5% था. यह सुधार जून तिमाही में मजबूत वृद्धि और घरेलू मांग में तेजी को देखते हुए किया गया है. फिच ऐसा करने वाली पहली ग्लोबल एजेंसी बन गई है.
यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% तक टैरिफ लगा दिया और भारत को ‘डेड इकॉनमी’ तक कह डाला. लेकिन भारत की तेज रफ्तार ने उनके दावों को गलत साबित कर दिया है.
फिच ने 2025-26 के लिए ग्रोथ अनुमान 6.5% से बढ़ाकर 6.9% कर दिया है. उनका मानना है कि घरेलू मांग, बढ़ती आय और निवेश से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.
फिच का अनुमान है कि साल के दूसरे हिस्से में ग्रोथ थोड़ी धीमी होगी, लेकिन 6% से ऊपर बनी रहेगी. 2026-27 में यह 6.3% और 2027-28 में 6.2% रह सकती है.
फिच ने कहा है कि बेहतर मानसून और भरे हुए अनाज भंडार से महंगाई पर काबू रहेगा. 2025 के अंत तक महंगाई दर 3.2% और 2026 के अंत तक 4.1% तक रह सकती है.
एजेंसी का अनुमान है कि रिजर्व बैंक इस साल के अंत तक रेपो रेट में 0.25% की कटौती कर सकता है और 2026 तक इसे स्थिर रखेगा.
हाल ही में S&P ग्लोबल ने भारत की रेटिंग बढ़ाकर 'BBB' कर दी, जो 18 साल बाद बड़ा सुधार है. वहीं, मूडीज़ ने 2025 में 6.3% ग्रोथ का अनुमान लगाया है.
IMF और वर्ल्ड बैंक ने भारत की ग्रोथ 6.4% और 6.3% बताई है. RBI और ADB का अनुमान 6.5% पर टिका है. ट्रंप के टैरिफ और आरोपों के बावजूद भारत की इकोनॉमी मजबूत हो रही है. यही वजह है कि फिच की रिपोर्ट को उनके लिए करारा जवाब माना जा रहा है.