पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. मंत्रिमंडल में शामिल 30 कैबिनेट मंत्रियों में से अधिकांश को पुराने मंत्रालय ही मिले हैं. लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के बाद 18 घंटों तक सभी मंत्री इस सस्पेंस में थे कि उन्हें कौन सा मंत्रालय मिलेगा. सभी टीवी पर और अपने-अपने सूत्रों से ये पता करने में लगे थे कि कब मंत्रालय का बंटवारा होगा. मंत्रियों का सस्पेंस लोक कल्याण मार्ग में पहली कैबिनेट मीटिंग के बाद खत्म हुआ.
सूत्रों ने बताया कि जब सभी सांसद मीटिंग के लिए पहुंचे तो उनकी सीट पर उनके नाम का लिफाफा पड़ा था. उस लिफाफे के अंदर उनका मंत्रालय लिखा हुए था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले दो कार्यकालों के दौरान राष्ट्रपति सचिवालय ने दोपहर तक विज्ञप्ति जारी कर दी थी, लेकिन इस बार प्रतीक्षा लंबी थी. 2014 में शपथ ग्रहण के दिन कई विभागों के नाम लीक हो गए थे, इस बार कैबिनेट बैठक तक मीडिया को भी इसकी भनक नहीं लगी.
कैबिनेट बैठक समाप्त होने के बाद शाम 6.30 बजे के बाद टीवी स्क्रीन और वेबसाइटों पर मंत्रियों के नाम तैरने लगे. सरकार पर नजर रखने वालों ने कहा कि शायद यह पहली बार हो सकता है जब मंत्रियों को उनके विभागों के बारे में कागज पर लिखकर लिफाफे में रख दिया गया हो. विभागों की अंतिम सूची शाम 7.30 बजे ही सार्वजनिक की गई. यह वह समय था जब स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों सहित सभी को अपने मंत्रालयों के बारे में पता चला.
नई कैबिनेट में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है. इनमें राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्री, अमित शाह को गृह मंत्री, नितिन गडकरी को सड़क परिवहन मंत्री पद की ही जिम्मेदारी दी गई है. निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्री, डॉ. एस. जयशंकर को विदेश मंत्री बनाया गया है. धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्रालय और एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग एवं स्पात मंत्रालय मिला है. बिहार के जीतनराम मांझी को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्रालय दिया गया है.