निर्मला सीतारमण ने समाचार एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में कहा, "प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि वह कुछ करना चाहते हैं. मंत्रालय को पहले सहजता महसूस करनी चाहिए और फिर प्रस्ताव पर आगे बढ़ना चाहिए. इसलिए, बोर्ड को यह विश्वास दिलाने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत थी कि टैक्स कलेक्शन में दक्षता आएगी और टैक्स पेयर्स की आवाज ईमानदार होगी. यह सब काम मंत्रालय का था, प्रधानमंत्री का नहीं."
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरह उनकी सरकार ने भी हमेशा हर सेक्टर के लोगों की आवाज सुनी हैं. प्रधानमंत्री मोदी उनसे मिलते हैं, उनसे बातचीत करते हैं, उनकी राय लेते हैं. ठीक उसी तरह जैसे वह सबसे वंचित वर्गों या यूं कहें कि आदिवासियों, विशेषकर कमजोर आदिवासी समूहों से बात करते हैं. जिस तरह राष्ट्रपति जी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए बहुत उत्सुक थे, उसी तरह प्रधानमंत्री भी सभी वर्गों की बात सुनते हैं. इसलिए, मैं इस सरकार का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं, जो सचमुच लोगों की आवाज सुनती है और जवाब देती है.”
केंद्रीय बजट 2025 में इनकम टैक्स में बदलाव
शनिवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट में निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया की सालाना 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. वित्त मंत्री सीतारमण ने संसद में कहा, "12 लाख रुपये तक की सामान्य आय (पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय को छोड़कर) वाले टैक्सपेयर्स को स्लैब दर में कटौती के कारण होने वाले फायदे के अलावा टैक्स में छूट दी जा रही है.जिससे उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा."
मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत वाली उनकी घोषणा का PM मोदी के नेतृत्व वाली सत्ता पक्ष ने मेजें थपथपाकर जोरदार स्वागत किया. बाद में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट की सराहना करते हुए इसे “डबल फ़ोर्स” बताया. एक वीडियो जारी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बजट 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं को दर्शाता है.
उन्होंने कहा, "आमतौर पर बजट का फोकस इस बात पर होता है कि सरकारी खजाना कैसे भरा जाएगा. लेकिन यह बजट बिल्कुल इसके उलट है. यह बजट नागरिकों की जेब कैसे भरेगा, उनकी बचत कैसे बढ़ाएगा और वे विकास के भागीदार कैसे बनेंगे यह बजट इसकी बहुत मजबूत नींव रखता है."