Farmers Protest 2024: केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन आज यानी बुधवार को दूसरा दिन है. पंजाब से दिल्ली कूच के नाम पर किसानों के कई बड़े संगठन सड़कों पर हैं. बुधवार को हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू बॉर्डर पर किसानों व सुरक्षा बलों के बीच खींचतान जारी है. ये खींचतान इसलिए हुई क्योंकि किसान संगठनों ने बैरीकेड हटाने की कोशिशें की और पुलिस बल ने उन्हें रोका.
इसी बीच हरियाणा पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि मंगलवार को हुई झड़पों में पुलिस के 24 जवान घायल हुए हैं. हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था. वहीं बुधवार को पंजाब प्रशासन ने हरियाणा से कहा है कि पंजाब के क्षेत्र में ड्रोन न उड़ाए जाएं.
उधर, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि किसान दिल्ली जाकर सरकार के प्रतिनिधियों से बात करना चाहते हैं, लेकिन जब सरकार के मंत्री चंडीगढ़ में उनसे बात करने के लिए पहुंचे तो किसान नेताओं ने बात करने से इनकार कर दिया. अनिल विज ने ये भी कहा है कि उन्हें हरियाणा की ओर से पंजाब में ड्रोन न उड़ाने की बात पर हैरानी है.
एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल ने कहा कि हमें मीडिया के जरिए पता चला कि अनुराग ठाकुर ने कहा है, वो समाधान के लिए वार्ता को तैयार हैं. हम उन्हें ये कहने का मौका नहीं देना चाहते हैं कि हमने उनका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा है कि हमने अपने सहयोगियों से अनुमति ली है. हम सरकार के साथ वार्ता करेंगे. हमारी प्राथमिकता है कि वार्ता चंडीगढ़ या प्रदर्शन स्थल के करीब ही कहीं हो.
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन में हिस्सा नहीं ले रहे किसान संगठनों की ओर से भी बयान जारी किए गए हैं. पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठनों में से एक बीकेयू उग्राहां ने गुरुवार को चार घंटे के लिए रेल रोकने का आह्वान किया है. हालांकि बीकेयू उग्राहां इस समय शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल नहीं है. बीकेयू उग्राहां ने कहा है कि गुरुवार को 12 बजे से 4 बजे के बीच रेल रोकी जाएगी. दिल्ली कूच करने वाले किसानों के समर्थन में ऐसा किया जाएगा.
उग्राहां ने कहा है कि अगर प्रशासन किसानों पर उत्याचार बंद नहीं करेगा तो और भी सख्त प्रदर्शनों का आह्वान किया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब ने भी बुधवार को आपात बैठक बुलाई है. क्रांतिकारी किसान यूनियन से जुड़े प्रोफेसर दर्शनपाल सिंह ने इसकी पुष्टि की है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है कि हरियाणा सरकार किसानों पर अत्याचार बंद करे क्योंकि किसानों की मांगे जायज है.