Farmers Protest 2024: किसानों की केंद्र के साथ चौथे दौर की बैठक आज, निकलेगा कोई रास्ता या दिल्ली कूच करेगा अन्नदाता
Farmers Protest 2024: फसलों की एमएसपी को लेकर शंभू बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं. ऐसे में रविवार को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक होगी. इस बैठक में कोई अहम नतीजा निकलकर आने की उम्मीद है.
Farmers Protest 2024: किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच रस्साकसी जारी है. तीन दौर की वार्ता हो चुकी है, जो कि असफल रही है. उधर, पंजाब के शंभू बॉर्डर पर किसान अपने डेरा जमाए हुए हैं. किसानों को अब केंद्र सरकार के रुख और आज होने वाले चौथे दौर की बातचीत के नतीजों का इंतजार है. इसके बाद वे आगे की रणनीति तैयार करेंगे. अब सभी की निगाहें आज होने वाली वार्ता पर टिकी हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने शुक्रवार (16 फरवरी) को कहा था कि सरकार की ओर से किसानों के मुद्दों पर समाधान खोजने के प्रयास जारी हैं. प्रदर्शनकारी किसानों और मोदी सरकार के प्रतिनिधियों के बीच अगले (चौथे) दौर की वार्ता रविवार 18 फरवरी को होगी. उधर, दिल्ली की सीमाओं पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच तीसरे दौर की बातचीत गुरुवार (15 फरवरी) को हुई थी जो बेनतीजा रही.
केंद्रीय कृषि मंत्री बोले- बैठक में खोजेंगे समाधान
न्यूज एजेंसी एएनआई ने बैछक में शामिल केंद्रीय मंत्री के हवाले से कहा था कि किसानों और सरकार के बीच यह तीसरी बैठक थी. कई मुद्दों को इस बैठक में उठाया गया, जिन पर विस्तार से चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि अगर हम शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत को आगे बढ़ाएंगे तो निश्चित रूप से नतीजे सामने आएंगे. उन्होंने कहा था कि मुझे उम्मीद है कि हम जल्द ही कोई समाधान निकाल लेंगे. मंत्री ने कहा था कि किसानों के साथ रविवार को अगली बैठक होगी. बैठक चर्चा करके समाधान खोजे जाएंगे.
आम लोगों को भी ध्यान में रखा जाएगा
केंद्रीय कृषि मिंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा था कि निर्णय लेते समय उन्हें इसके सभी पहलुओं को ध्यान में रखना होगा. उन्होंने कहा था कि फैसला इस तरह से नहीं लिया जा सकता कि आने वाले दिनों में लोग इसकी आलोचना करें. इसके लिए हमें सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर चर्चा करने की कोशिश करनी होगी. हमें आम लोगों का भी ध्यान रखना होगी, ताकि उन्हें किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े.
कृषि मंत्री ने कांग्रेस को घेरा, बोले- राजनीति न करें
मोदी कैबिनेट में कृषि मंत्रालय संभाल रहे अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसानों और सरकार के बीच जो बातचीत हो रही है उसे राजनीतिक नजरिए से न देखा जाए तो बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि हम किसानों और किसान संगठनों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच शंभू बॉर्डर से आंदोलनकारी किसानों ने आज यानी पांचवे दिन दिल्ली ओर कूच करने का प्रयास किया.
ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें
एमएसपी: सभी फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाया जाए.
ऋण माफी: किसानों की ऋण माफी के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाए.
भूमि अधिग्रहण: विकासात्मक परियोजनाओं के लिए विभिन्न प्राधिकरणों की ओर से अधिग्रहित भूमि का मुआवजा और उनके परिवारों के लिए विकसित भूमि पर 10 प्रतिशत आवासीय भूखंड दिया जाए.
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ): डब्ल्यूटीओ से हटना और सभी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर प्रतिबंध लगाना.
लखीमपुर खीरी नरसंहार: नरसंहार के अपराधियों को सजा और किसानों को न्याय दिलाना.
पेंशन: किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन.
बिजली संशोधन विधेयक 2020: बिल को खत्म किया जाए, क्योंकि किसान बिजली के बढ़ते निजीकरण से डरे हए हैं. समय पर सब्सिडी का भुगतान किया जाए, क्योंकि राज्य सरकारों पर किसानों को भरोसा नहीं है.
2020-2021 आंदोलन में जानमाल के नुकसान का मुआवजा: 2020-2021 आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को आर्थिक मुआवजा. प्रभावित परिवार के एक सदस्य को नौकरी.
मनरेगा: 700 रुपये की दैनिक मजदूरी के साथ प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार दिया जाए.
राष्ट्रीय मसाला आयोग: विभिन्न मसालों के लिए आयोग का गठन.
स्वदेशी लोगों के अधिकारों की सुरक्षा: आदिवासी समुदायों से संबंधित भूमि, जंगलों और जल स्रोतों की सुरक्षा.
बीज की गुणवत्ता: नकली बीज, कीटनाशक और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों को दंडित करके बीज की गुणवत्ता में सुधार करना.