किसानों का संसद मार्च, पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर रोका, नोएडा-गाजियाबाद में थम गई ट्रैफिक

किसान ने एक बार फिर से दिल्ली की ओर कूच किया है. पुलिस ने किसानों को महामाया फ्लाईओवर के पास रोक दिया है. इसके चलते नोएडा और गाजियाबाद में भारी जाम देखने को मिल रहा है.

Gyanendra Sharma

Delhi Noida Traffic Jam: उत्तर प्रदेश के किसान संसद मार्च कर रह हैं. किसानों को पुलिस ने नोएडा में रोक दिया है. रोक जाने के बाद किसानों की भीड़ चिल्ला बॉर्डर की तरफ बढ़ गई है. कुछ देर पहले ही महामाया फ्लाईओवर के पास नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल के करीब इन किसानों को रोक लिया गया है. महामाया फ्लाईओवर पर भारी जाम लग गया है. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए जगह जगह बैरिकेटिंग की है, वहीं दूसरी ओर नोएडा की सड़कों पर वाहनों के पहिए थम गए हैं. कई सड़कों पर तो हालात ऐसे बन गए हैं कि घंटों से वाहन एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाए हैं. 

कई सड़कें बंद

नोएडा में पुलिस ने सुरक्षा  बढ़ा दी है. कई रूट डायवर्ट किए गए हैं. कई सड़कें बंद हैं. नोएडा से दिल्ली जाने वाले डीएनडी, चिल्ला और कालिंदी कुंज बॉर्डर पर लंबा जाम है.  नोएडा पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक किसान आंदोलन को देखते हुए फिलहाल दिल्ली बॉर्डर के साथ ही किसान चौक पर बैरियर लगाए गए हैं. इन सभी स्थानों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

दिल्ली-नोएडा के कई इलाकों में सेक्शन 144 लगा हुआ है. नोएडा प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत की कोशिश तेज कर दी है. प्रशासन का कहना है कि आप के मुद्दे नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जुड़े हुए हैं इसलिए दिल्ली नहीं जाएं. बातचीत लगातार जारी है. वहीं किसानों का कहना है कि अगर बात नहीं मानी गई तो बैरिकेड से आगे बढ़ेंगे और दिल्ली कूच करेंगे. 

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से कहा गया कि आज यानी 8 फरवरी को सोनिया विहार, डीएनडी, चिल्ला, गाजीपुर, सभापुर, अप्सरा और लोनी बॉर्डर से जुड़े मार्गों पर भारी ट्रैफिक की आशंका है. दिल्ली पुलिस की ओर से ये भी कहा गया है कि हो सके तो आज अपनी यात्रा को टाल दें, क्योंकि रास्ते में भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. 

किसानों की क्या है मांग

किसान संगठन नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरणों द्वारा ली गई जमीन के बदले ज्यादा मुआवजा और भूखंड देने की मांग कर रहे हैं. दिसंबर 2023 में विकास प्राधिकरणों ने किसानों की जमीन अधिग्रहित की थी. इसी अधिग्रहण के मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है. किसान संगठनों ने 7 फरवरी को महापंचायत की थी. इसमें 8 फरवरी को संसद तक विरोध मार्च निकालने का ऐलान किया था. किसानों का आरोप है कि एनटीपीसी ने अलग रेट से मुआवजा दिया है.