शुक्रवार को मध्य प्रदेश के मालवा इलाके में मौसम ने अचानक करवट ली और मंदसौर में तेज मावठे की बारिश हुई, जिससे यहां की कृषि उपज मंडी में भारी नुकसान हुआ. इस बारिश के कारण किसानों की लहसुन की फसल भीग गई, और मंडी में व्यापारियों ने उस लहसुन को खरीदने से इंकार कर दिया. यह घटना प्रदेश की सबसे बड़ी कृषि उपज मंडियों में से एक मंदसौर मंडी में हुई, जहां देशभर से किसान अपना माल बेचने आते हैं.
मंदी में किसानों को माल बेचने के लिए कोई छांव या सुरक्षित स्थान नहीं मिलने के कारण उन्होंने अपनी उपज खुले मैदान में ही खाली कर दी थी. जैसे ही तेज बारिश शुरू हुई, उनकी लहसुन की फसल भीग गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ. इस समय लहसुन की कीमतें आसमान पर हैं, और करीब पांच साल बाद किसानों को इससे अच्छे दाम मिल रहे हैं, लेकिन इस नुकसान से उनका उत्साह टूट गया.
बारिश के बाद मंदसौर मंडी में लहसुन की बर्बादी का यह वीडियो परेशान करने वाला है…मंडियों में व्यवस्थाएँ कितनी खराब हैं यह भी देखिए… pic.twitter.com/9Wmo6plV43
— LP Pant (@pantlp) December 28, 2024
इस समय मंदसौर कृषि उपज मंडी में लहसुन के दाम 12,000 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 30,000 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहे हैं. दोपहर से पहले कई किसानों ने अच्छा दाम पाकर अपनी उपज बेच दी थी, लेकिन बारिश के बाद उनकी फसल भीग गई और व्यापारी उन्हें खरीदने से पीछे हट गए. रतलाम जिले से आए किसान ने बताया कि उन्होंने सुबह अपनी लहसुन की उपज खाली करवाई थी और उम्मीद थी कि उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे, लेकिन बारिश के बाद जब फसल गीली हो गई, तो व्यापारी 25,000 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत पर लहसुन खरीदने से इनकार कर गए.
किसान इस बात से नाराज हैं कि मंडी में माल को सुरक्षित रखने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. इसकी वजह से उनकी मेहनत पानी में बह गई. मंदी के प्रभारी ने बताया कि, 'हम मौसम के बदलाव के बारे में किसानों को लगातार सूचित कर रहे थे, लेकिन फिर भी वे अपनी उपज खुले में रख रहे थे.'
व्यापारियों ने बारिश के बाद गीली फसल लेने से इंकार कर दिया, जिससे किसानों में निराशा का माहौल है. वे लहसुन के अच्छे दामों के बावजूद, मंडी में खड़ी फसल को लेकर चिंतित हैं. अब इन किसानों के लिए अपने माल को सही दाम पर बेचना मुश्किल हो गया है.