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Farmer Protests 2024: MSP पर केंद्र का नया फॉर्मूला, किसान बोले- प्रपोजल पर दो दिनों तक करेंगे विचार, तब तक दिल्ली मार्च रहेगी स्थगित

farmer protests 2024: किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बातचीत रात 8:15 बजे शुरू हुई, जो करीब 12:40 बजे खत्म हुई. बैठक के बाद केंद्र ने किसानों को एक प्रस्ताव दिया, जिसके बाद अब गेंद किसानों के पाले में है.

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Edited By: India Daily Live
Farmer Protests 2024

Farmer Protests 2024: केंद्र सरकार की ओर से किसान संगठनों को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नई योजना का प्रस्ताव दिया गया है. केंद्र की ओर से मिले प्रस्ताव के बाद किसान नेताओं ने कहा कि वे आने वाले दो दिनों में प्रस्ताव का अध्ययन करेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र की ओर से मिले प्रस्ताव का अध्ययन नहीं हो जाता, तब तक के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च रोक दिया गया है.

रविवार देर शाम किसान संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई. बातचीत में कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल रहे. फिलहाल, MSP की कानूनी गारंटी समेत किसान अपनी मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाला हुआ है.

किसान नेताओं के साथ बैठक के बाद क्या बोले केंद्रीय मंत्री?

बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, पीयूष गोयल ने कहा कि पैनल ने किसानों के साथ एक समझौता करने के बाद पांच साल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी एजेंसियों की ओर से दालों, मक्का और कपास की फसलों की खरीद का प्रस्ताव दिया है. 

उन्होंने कहा कि NCCF (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और NAFED (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ कॉन्ट्रैक्ट करेंगी जो 'अरहर दाल', 'उड़द दाल', 'मसूर दाल' या मक्का उगाते हैं. अगले पांच वर्षों तक उनकी फसल MSP पर खरीदी जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मात्रा (खरीदी) पर कोई लिमिट नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल डेवलप किया जाएगा. 

चौथे दौर की बातचीत के बाद क्या बोले किसान नेता?

केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि वे अगले दो दिनों में केंद्र सरकार की ओर से मिले प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे. चर्चा के बाद आगे की रणनीति पर फैसला करेंगे. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम 19-20 फरवरी को चर्चा करेंगे और इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे. 

पंढेर ने कहा कि कर्ज माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है और हमें उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इनका समाधान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि 'दिल्ली चलो' मार्च फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा. सभी मुद्दे हल नहीं हुए हैं.

पंढेर बोले- दोनों पक्ष बातचीत कर समाधान की कोशिश करेंगे

पंढेर ने कहा कि सरकार की ओर से कहा गया है कि लंबित मांगों पर वह विचार-विमर्श करेगी. चूंकि सरकार एक प्रस्ताव लेकर आई है, इसलिए 21 फरवरी को सुबह 11 बजे दिल्ली जाने का हमारा कार्यक्रम स्टैंडबाय पर रखा गया है. हम और सरकार दोनों बातचीत के जरिए समाधान निकालने की कोशिश करेंगे. अगर किसी कारण से सरकार के प्रस्ताव पर किसान नेताओं की सहमति नहीं होती है, तो फिर हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि हमें शांतिपूर्वक दिल्ली जाने दिया जाए.

किसान नेताओं और सरकार की पहले की तीन दौर की बातचीत रही थी बेनतीजा

केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को मुलाकात हुई थी लेकिन बातचीत बेनतीजा रही थी. पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से हरियाणा के साथ राज्य की सीमा पर शंभू और खनौरी प्वाइंट पर डेरा डाले हुए हैं. यहां पुलिस ने उनके 'दिल्ली चलो' मार्च को रोककर रखा है. 

दिल्ली चलो मार्च का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है. एमएसपी की कानूनी गारंटी के अलावा, किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी न करने, पूर्व के किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने और लखीमपुर कांड के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.