विदेश मंत्री एस जयशंकर 15 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं. यह बैठक 15-16 अक्टूबर के बीच पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित हो रही है. ऐसे में खबर आ रही है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक के लिए मंगलवार शाम को पाकिस्तान पहुंचेंगे और प्रतिनिधियों के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित स्वागत रात्रिभोज में भाग ले सकते हैं.
हालांकि दोनों पक्षों ने एससीओ आयोजन के दौरान औपचारिक द्विपक्षीय बैठक की संभावना को खारिज कर दिया है, लेकिन उम्मीद है कि मंत्री बुधवार को मुख्य शिखर सम्मेलन से पहले रात्रिभोज में शामिल होंगे और मेजबान शहबाज शरीफ तथा समकक्ष इशाक डार के साथ बातचीत करेंगे.
बता दें कि जयशंकर की 15-16 अक्टूबर को होने वाली पाकिस्तान यात्रा लगभग दस वर्षों में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली यात्रा होगी. हालांकि भारत द्वारा यात्रा की घोषणा के बाद, जयशंकर ने कहा कि वह द्विपक्षीय संबंधों को संबोधित करने के लिए इस्लामाबाद नहीं जा रहे हैं, बल्कि एससीओ के अच्छे सदस्य के रूप में अपनी भूमिका निभाने के लिए जा रहे हैं, जिसमें भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन, ईरान और चार मध्य एशियाई देश शामिल हैं.
बता दें कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के साथ अपने विवादों और चीन के साथ तनाव को यूरेशियन ब्लॉक में अपनी भागीदारी से अलग रखने में कामयाबी हासिल की है, जिसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके अलावा, समूह में रूस की भूमिका भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक कारक रही है.
हालांकि औपचारिक द्विपक्षीय बैठक की उम्मीद नहीं है लेकिन इस दौरान एक संक्षिप्त बातचीत हो सकती है, लेकिन भारत इसके लिए पाकिस्तान से सुझाव मांगेगा. भारत ने कहा है कि रिश्तों में किसी भी प्रगति के लिए जिसमें पिछले नौ वर्षों से कोई महत्वपूर्ण भागीदारी नहीं हुई है - जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का मानना है कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में किसी भी सुधार के लिए आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और स्थायी कार्रवाई की आवश्यकता है, साथ ही भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे में बदलाव के बाद राजनयिक संबंधों को कम करने के पाकिस्तान के फैसले पर पुनर्विचार की भी आवश्यकता है. दूसरी ओर, पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को प्राथमिकता देना जारी रखे हुए है. डार ने बीते रविवार को कहा कि शहबाज के नेतृत्व में इस्लामाबाद ने गाजा में फिलिस्तीनियों की पीड़ा के साथ-साथ इस मुद्दे को भी लगातार उठाया है.