मामला गड़बड़ है! NEET UG पेपर लीक मामले में EOU की रिपोर्ट ने चुन-चुन कर खोले सबके राज; इनके गले में अटक सकती है फांस
NEET UG Paper Leak: नीट यूजी परीक्षा 2024 का कथित तौर लीक हुए पेपर मामले की जांच केंद्र सरकार ने सीबीआई को सौंप दी है. सीबीआई ने इस संबंध में मुकदमा भी दर्ज कर लिया है. इससे पहले शनिवार को बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी. इस रिपोर्ट में ये संकेत दिए गए हैं कि ये पेपर लीक हुआ हो सकता है. यानी जांच में ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो पेपर लीक की पुष्टि करते हैं.
NEET UG Paper Leak: शनिवार को बिहार की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOU ने नीट मामले में अपनी जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार ईओयू की जांच रिपोर्ट कह रही है कि नीट यूजी परीक्षा का पेपर लिया हुआ था.
केंद्र सरकार ने EOU से रिपोर्ट मांगी थी. बिहार की आर्थिक अपराध शाखा ने मई को हुई नीट परीक्षा के तुरंत बाद 4 छात्रों के साथ कुल 13 लोगों को गिरफ्तारी किया था. 11 मई को पटना पुलिस से ईओयू ने केस टेकओवर किया था.
EOU रिपोर्ट में क्या है?
सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि शिक्षा मंत्रालय को दी गई रिपोर्ट में EOU की रिपोर्ट में मोटे तौर पर 3 बिंदुओं का उल्लेख किया गया है. अब तक के सबूतों के आधार पर पेपर लीक हुआ है इसका स्पष्ट सुझाव दिया गया है कि एक अंतरराज्यीय गिरोह की संभावित संलिप्तता और बिहार के कुख्यात 'सॉल्वर गिरोह' की संदिग्ध भूमिका इस पेपर लीक मामले में हो सकती है.
मिली थी पेपर की जली हुई फोटोकॉपी
कथित तौर पर नीट यूजी पेपर की फोटोकॉपी के अवशेषों को जब्त किया गया है. आरोपियों से पूछताछ और इकबालिया बयान और परीक्षार्थियों से पूछताछ के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा ने अपनी रिपोर्ट तैयार की थी. ये सभी प्वाइंट्स इस बात के उल्लेख कर रहे हैं कि नीट यूजी 2024 का पेपर लीक हुआ था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह से चार छात्रों को नीट में आने वाले प्रश्न पत्र के उत्तर याद करवाए थे. इन छात्रों के नीट परीक्षा में क्रमश: 720 में से 581, 483, 300 और 185 अंक आए थे.
झारखंड से कनेक्शन
आर्थिक अपराध शाखा ने अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि सबूत मिले हैं कि बिहार में हुए नीट 2024 के पेपर लीक का कनेक्शन झारखंड से हैं. झारखंड के कुछ गिरोह बिहार के सॉल्वर गैंग के साथ काम करते हैं.
इस मामले में ईओयू ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया था. इनके मुखिया संजीव को नालांदा से गिरफ्तार किया गया था. इसे कथित तौर पर सॉल्वर गैंग का सरगना कहा जा रहा है.
ईओयू को शक है है कि नालंदा के सॉल्वर गैंग ने झारखंड से प्रश्नपत्र खरीदा और विशेषज्ञों की मदद से इसे हल किया और फिर इसे दो अन्य आरोपियों, पटना के नीतीश कुमार और खगड़िया के अमित आनंद को बेच दिया.
दानापुर नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर सिकंदर पी यादवेंदु ने नीट की परीक्षा देने जा रहे 4 छात्रों को नीतीश कुमार और अमित आनंद से मिलवाया था.
परीक्षा से एक दिन पहले यानी 4 मई की रात को पटना पुलिस को झारखंड से इनपुट मिला की कथित तौर पर नीट का पेपर लीक हो सकता. जांच अधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पटना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन आरोपियों का पता नहीं चला पाया था. बिहार में 27 केंद्रों पर नीट की परीक्षा आयोजित हुई.
5 मई को ही हुआ था एक्शन
5 मई को दोपहर में बिहार की शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन को राजवंशी नगर के एक घर में नीट पेपर से जुड़े कुछ संदिग्धों के छिपे होने की खबर मिली. इसके बाद तुरंत टीमें बनाई गई और छापेमारी की गई तो जला हुआ प्रश्न पत्र मिला था. एक टीम ने परीक्षा केंद्र से एक छात्र और उसके पिता को अरेस्ट किया.
इसके साथ ही पुलिस ने 3 और छात्रों को गिरफ्तार किया. 7 मई को आधिकारिक रूप से बताया गया कि कथित तौर पर नीट यूजी परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में 13 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
इस मामले को लेकर बिहार सरकार पर दबाव बनाया जा रहा था. ऐसे में सरकार ने 11 मई को आर्थिक अपराध शाखा को ये केस हैंडओवर कर दिया.