Manmohan Singh Political Career: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार की रात को जिंदगी के जंग में हार गए. बढ़ती उम्र के कारण लंबे समय से बीमार चल रहे सिंह ने 92 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस लिया. जिसके बाद से पूरे देश में शोक की लहर है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर किया है.
एम्स द्वारा जारी किए गए बयान में बताया ग9या कि मनमोहन सिंह 26 दिसंबर को अपने घर पर अचानक बेहोश हो गए. जिसके बाद उन्हें रात 8.06 बजे एम्स (नई दिल्ली) के मेडिकल इमरजेंसी में लाया गया. डॉक्टरों के तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और आखिरकार रात 9.51 बजे उनका निधन हो गया.
भारतीय राजनीति में बड़ा योगदान
साधारण परिवार से आने वाले मनमोहन सिंह का करियर 5 दशकों से भी ज्यादा का रहा. उन्होंने आजादी से पहले और आजादी के बाद के भारत को देखा और देश के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिया. मनमोहन सिंह एक बहु प्रतिभाशाली इंसान थे. उन्होंने कई महत्वपूर्ण और बड़े सरकारी पदों पर काम किया और देश की आर्थिक नीति को और भी ज्यादा मजबूत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने रोजगार गारंटी योजना और ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना जैसे कई जण कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किया. 2008 में आर्थिक संकट के दौरान सिंह ने भारत को मंदी से बचाने में अहम रोल निभाया. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था में कई क्रांतिकारी सुधारें की. आईए जानते हैं कैसा रहा उनका राजनीतिक करियर.
5 दशकों का शानदार करियर
- मनमोहन सिंह के करियर की शुरुआत 1954 में हुई. उन्होंने इस साल पंजाब विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की.
- मास्टर्स डिग्री के बाद उन्होंने 1957 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से आर्थिक ट्राइपोस (3 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम) कार्यक्रम पूरा किया.
- इकोनॉमिक्स में महारत हासिल करते हुए उन्होंने 1962 ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया.
- जिसके बाद 1971 में उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत की. उन्होंने भारत सरकार के लिए अपना योगदान देते हुए वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रुप में काम किया.
- इंदिरा गांधी के समय पर 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया. जिसके बाद 1980 से 1982 के बीच योजना आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया.
- इतना ही नहीं 1982 से 1985 तक वो भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे.
- आरबीआई गवर्नर पद को छोड़ने के बाद 1985 से 1987 तक वो योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में काम करते रहें.
- तीन साल (1987-1990 ) के लिए उन्होंने जिनेवा में दक्षिण आयोग के महासचिव के रूप में काम किया.
- वहीं 1990 की दौर में आर्थिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार बनाए गए और 1991 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किए गए.
- जिसके बाद उन्होंने राज्यसभा में एंट्री ली. 1991 में उन्हें पहली बार असम से राज्यसभा सदस्य बने.
- जिसके बाद सिंह ने पांच साल के लिए पीवी नरसिम्हा राव सरकार के राज के दौरान वित्त मंत्री बनाया गया.
- इसके बाद उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में भी अपना योगना दिया. 1998 से 2004 तक उन्हें राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया.
- सलाहकार के पद से शुरु किए अपने राजनीतिक करियर को उन्होंने प्रधानमंत्री पद तक पहुंचाया. 2004 से 2014 तक उन्हें भारत का प्रधानमंत्री चुना गया.