गुरुग्राम पुलिस ने सोमवार को दो इंजीनियरों को गिरफ्तार किया है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने डीएलएफ फेज 3 इलाके में एक ऑटो-ड्राइवर को पीट-पीटकर हत्या कर दी. यह घटना शनिवार रात एक बहस के दौरान हुई. आरोपियों की पहचान जयदीप और मनी शंकर शुक्ला के रूप में हुई है. पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी एक डिनर आउटिंग के बाद जयदीप के अपार्टमेंट जा रहे थे. जब वे उस इलाके में पहुंचे, तो उन्होंने सोनू, ऑटो-ड्राइवर से अपनी गाड़ी को अलग जगह पर खड़ा करने के लिए कहा.
गाली-गलौज कर रहा था आरोपी
बताया गया है कि सोनू नशे में था और उसने आरोपियों पर गाली-गलौज शुरू कर दी. धीरे-धीरे बहस बढ़ी और यह एक खुले झगड़े में बदल गई, जिसमें आरोपियों ने सोनू की बुरी तरह पिटाई कर दी.
सिर में चोल लगने से हुई मौत
ऑटो-ड्राइवर को रविवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर सिर की चोटों के कारण उसकी मृत्यु हो गई. सोनू बिहार के गया जिले के ढोली गांव का निवासी था और नथुपुर गांव में किराए पर रहता था.
एक ही कंपनी में काम करते थे आरोपी
पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी एक कंपनी में काम करते थे, जो लखनऊ में स्थित थी. जयदीप ने 2022 में अपनी नौकरी छोड़ दी थी और गुरुग्राम आकर शहर में एक क्लाउड किचन खोला था. मनी शंकर ने 2024 में बेंगलुरू में अपनी नौकरी छोड़ दी और करीब 20 दिन पहले नए नौकरी की तलाश में गुरुग्राम आया था.
सोनू के रिश्तेदार की शिकायत पर डीएलएफ फेज 3 पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की आगे की जांच जारी है.
गुरुग्राम में अपराध के हॉटस्पॉट्स
पिछले साल दिसंबर में, गुरुग्राम पुलिस ने अपराधों जैसे छिनतई, वाहन चोरी, छेड़छाड़ और सड़क पर मारपीट के लिए कई हॉटस्पॉट्स की पहचान की थी. यह पहचान 11 महीने तक अपराधों के रुझानों पर किए गए अध्ययन के आधार पर की गई थी. ये हॉटस्पॉट्स 10 पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में फैले हुए थे, जिनमें सोहना सिटी, सेक्टर 10A, 50, 53, 14, 29, शिवाजी नगर, पालम विहार और सदर शामिल हैं.
एसीपी (क्राइम) वरुण दहिया ने कहा, “कुछ इलाकों में हमें ज्यादा पुलिसकर्मियों और बेहतर पेट्रोलिंग की आवश्यकता है. वहीं, अन्य इलाकों में अंधेरे स्थान और सीसीटीवी कैमरों की कमी प्रमुख समस्याएं हैं.” यह घटना और पुलिस की जांच गुरुग्राम में बढ़ते अपराधों और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को एक बार फिर उजागर करती है, जिससे शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होते हैं.