Enforcement Directorate: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) और INDIA गठबंधन कई नेताओं के खिलाफ बीचे कुछ समय में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई की है. चाहे बात लालू यादव के परिवार की हो, शिबू सोरेन के परिवार की हो या फिर दक्षिण भारत की राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की हो. पिछले कुछ महीनों से इनके खिलाफ लगातार ED कार्रवाई कर रही है. आइए, जानते हैं कि आखिर ED का इतिहास क्या है, उसे इतनी शक्ति यानी ताकत कहां से मिलती है.
प्रवर्तन निदेशालय यानी ED केंद्रीय जांच एजेंसी है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के मामलों में जांच का अधिकार है.
1 मई 1956 को ED का गठन किया गया था. इसका मुख्यालय राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में है. ED के हेड क्वार्टर में एक डायरेक्टर होता है, जो लीगल सर्विस अफसर होता है. उनकी मदद के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से डेप्युटेशन पर लिए गए एक अधिकारी और स्पेशल पुलिस के 03 इंस्पेक्टर करते हैं. शुरुआत में इसकी दो ब्रांच थी, जो मुंबई और कोलकता में थीं.
साल 1957 में इसका नाम बदलकर 'प्रवर्तन निदेशालय' किया गया था. फिलहाल, ED भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में है. ED इन कानूनों के तहत काम करती है.
1. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (PMLA): ये मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और मनी-लॉन्ड्रिंग से प्राप्त या उसमें शामिल संपत्ति को जब्त करने और उससे जुड़े या उसके आकस्मिक मामलों के लिए बनाया गया एक आपराधिक कानून है. ED को अपराध की आय से प्राप्त संपत्ति का पता लगाने, संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच करने और स्पेशल कोर्ट की ओर से अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और संपत्ति की जब्ती सुनिश्चित करने के लिए जांच करके PMLA के प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेदारी दी गई है.
2. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (FEMA): ये बाहरी व्यापार और भुगतान की सुविधा से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करने, भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास और रखरखाव को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया कानून है. ED को विदेशी मुद्रा कानूनों के संदिग्ध उल्लंघनों की जांच करने, कानून का उल्लंघन करने वालों पर निर्णय लेने और जुर्माना लगाने की जिम्मेदारी दी गई है.
3. भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FEOA): यह कानून आर्थिक अपराधियों को भारतीय अदालतों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहकर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने से रोकने के लिए बनाया गया था. ये एक ऐसा कानून है जिसके तहत ED को उन भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया गया है जो गिरफ्तारी की गारंटी लेकर भारत से भाग गए हैं और केंद्र सरकार को उनकी संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान करता है.
4. विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (FERA): इसके तहत ED का मुख्य काम इस एक्ट के उल्लंघनों के लिए कारण बताओ नोटिस पर निर्णय लेना है, जिसके परिणामस्वरूप जुर्माना लगाया जा सकता है. दंड और संबंधित अदालतों में FERA के तहत शुरू किए गए मुकदमों को आगे बढ़ाना भी ED का काम है.
5. विदेशी मुद्रा संरक्षण और तस्करी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम, 1974 (COFEPOSA) के तहत, ED को FEMA के उल्लंघन के संबंध में प्रिवेंशन डिटेंशन (निवारक हिरासत) के मामलों को प्रायोजित (sponsor) करने का अधिकार है.