ED complaint against Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में नई शिकायत दर्ज कराई है. बताया जा रहा है कि एक्साइज पॉलिसी मामले में जारी समन के बावजूद पेश न होने के बाद ED केजरीवाल के खिलाफ कोर्ट पहुंची और शिकायत दर्ज कराई. राऊज एवेन्यू कोर्ट इस मामले में 7 फरवरी को सुनवाई करेगी.
जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत पर राऊज एवेन्यू कोर्ट ने IPC की धारा 174 और समन का पालन न करने पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 50 के तहत शिकायत दर्ज की है. केंद्रीय जांच एजेंसी अब तक अरविंद केजरीवाल को पांच समन जारी कर चुकी है, जिसमें उनसे कथित शराब नीति घोटाले की चल रही जांच के लिए पेश होने की मांग की गई है.
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अब तक जारी सभी 5 समन को केजरीवाल ने नजरअंदाज किया है और दावा किया है कि ये समय पूछताछ के लिए नहीं, बल्कि उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश है. केजरीवाल को ED ने पिछले साल यानी 2 नवंबर और 21 दिसंबर 2023 और इस साल यानी 2024 में 3, 18 जनवरी और 2 फरवरी को पूछताछ के लिए पेश होने का समन जारी किया था.
2 नवंबर 2023: केजरीवाल को इस दिन पहली बार ED ने पूछताछ के लिए बुलाया था. केजरीवाल, उस दौरान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के कार्यक्रमों का हवाला देते हुए पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए थे.
21 दिसंबर 2023: दूसरी बार ED ने जब केजरीवाल को पेश होने के लिए बुलाया, तब उन्होंने विपश्यना का हवाला देते हुए इसे नजरअंदाज किया.
3 जनवरी 2024: राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस समारोह का हवाला देते हुए केजरीवाल ने ED के तीसरे समन को भी नजरअंदाज कर दिया
18 जनवरी: चौथा समन जारी होने के बाद केजरीवाल को 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, तब पूर्व निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देते हुए वे गोवा पहुंचे थे.
2 फरवरी: पांचवां समन जारी होने के बाद 2 फरवरी को केजरीवाल को बुलाया गया लेकिन उन्होंने इसे भी नजरअंदाज कर दिया और चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पार्टी की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
दरअसल, अरविंद केजरीवाल सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू की. राज्य सरकार ने दावा किया कि नई शराब नीति से राजस्व में इजाफा होगा. नई नीति के लागू होने के करीब 8 महीने बाद दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव एक रिपोर्ट तैयार की और उसे उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंप दी. रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य सचिव ने नई शराब नीति में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि नई नीति से तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाया है. उस दौरान आबकारी विभाग मनीष सिसोदिया के पास ही था.
मुख्य सचिव की ओर से मिली रिपोर्ट के बाद उपराज्यपाल ने CBI जांच की सिफारिश कर दी. इसके बाद FIR दर्ज की गई और CBI की प्राथमिकी के आधार पर ही ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया. जांच पड़ताल के बाद दोनों केंद्रीय जांच एजेंसी CBI और ED की ओर से आरोप लगाया गया कि नई शराब नीति के तहत गड़बड़ी की गई और शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाया गया. इससे दिल्ली सरकार के राजस्व को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
उधर, मामले में उपराज्यपाल यानी LG की ओर से जांच की शिफारिश के बाद दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द करते हुए पुरानी शराब नीति को लागू कर दिया. हालांकि, इस मामले में राज्य सरकार के तत्कालीन डिप्टी सीएम को राहत नहीं मिली और उन्हें 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया. इसी मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी ED ने गिरफ्तार किया है. शराब नीति मामले में CBI और ED अब तक 15 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत अन्य शामिल हैं.