Encounter in Kathua: जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एनकाउंटर, जंगल में छिपे आतंकियों को घेरा
Jammu Kashmir Terrorist Attack: सुरक्षा बलों ने रात के समय जंगल में फंसे तीन आतंकवादियों को पकड़ने के लिए घेराबंदी की है. उनकी खोज के लिए हवाई निगरानी और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
Jammu Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच एक और मुठभेड़ छिड़ गई है. रामकोट बेल्ट के पंजतीर्थी इलाके में सोमवार रात को तलाशी अभियान के दौरान पुलिस की एक टीम पर आतंकवादियों ने फायरिंग कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया. तीन आतंकवादियों के जंगल में छिपे होने की आशंका है और उन्हें पकड़ने के लिए हवाई निगरानी और खोजी कुत्तों की मदद से ऑपरेशन तेज कर दिया गया है.
तीन आतंकियों की तलाश में रातभर घेराबंदी
बता दें कि यह आठ दिनों में तीसरी मुठभेड़ है, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया है. सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी रात इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों को भागने से रोकने की रणनीति अपनाई. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी एग्जिट पॉइंट बंद कर दिए हैं ताकि आतंकी जंगल से बाहर न निकल सकें.
'आखिरी आतंकी के खात्मे तक ऑपरेशन जारी रहेगा' - डीआईजी
इसको लेकर डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने बयान देते हुए कहा, ''जब तक अंतिम आतंकवादी मारा नहीं जाता, तब तक यह अभियान जारी रहेगा. हमने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें. हमारा मिशन आतंकवाद का सफाया करना है और इसमें कोई समझौता नहीं होगा.''
हवाई निगरानी और सघन तलाशी अभियान
वहीं सुरक्षा बलों ने राजबाग क्षेत्र, रुई, जुथाना, घाटी और सान्याल के वन इलाकों में तलाशी अभियान तेज कर दिया है. इसके अलावा बिलावर के कुछ हिस्सों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. रविवार रात, रुई गांव में काले कपड़े पहने तीन संदिग्ध एक घर में घुसे और वहां अकेली बुजुर्ग महिला से पानी मांगा, जिससे इलाके में दहशत फैल गई. इसके बाद, सुरक्षा बलों ने तुरंत उस इलाके को घेर लिया.
23 मार्च को भी हुई थी मुठभेड़, आतंकी भागने में सफल
इससे पहले 23 मार्च को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास नर्सरी इलाके में आतंकवादियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी. हालांकि, आतंकी वहां से भागने में कामयाब रहे. जांच में पता चला कि गिरफ्तार किए गए छह लोगों ने आतंकियों को खाना, आश्रय और रास्ता दिखाने में मदद की थी.
बताते चले कि सभी आरोपी मोहम्मद लतीफ के परिवार के सदस्य हैं, जो पिछले साल सेना के ट्रक पर हुए हमले में आतंकियों की सहायता करने के आरोप में पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत जेल में बंद है. उस हमले में छह जवान शहीद हुए थे.
क्या होगा आगे?
सुरक्षा बलों ने इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया है और आतंकियों को किसी भी हाल में जिंदा न छोड़ने की रणनीति बनाई गई है. आने वाले कुछ घंटों में ऑपरेशन के और बड़े अपडेट सामने आ सकते हैं.