menu-icon
India Daily

एलन मस्क की कंपनी X ने भारत पर मुकदमा किया दर्ज, सरकार पर मनमानी सेंसरशिप का लगाया आरोप

एलन मस्क की कंपनी एक्स ने भारत सरकार पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम का इस्तेमाल करके प्लेटफॉर्म पर कुछ खास कंटेंट को ब्लॉक करने का आरोप लगाया है. एक्स का कहना है कि यह प्रावधान सरकार को ब्लॉक करने की शक्ति नहीं देता है. हालांकि भारत सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Elon Musk's company X filed a lawsuit against India.
Courtesy: Pinterest

X sues indian govt: एलन मस्क की कंपनी एक्स ने भारत सरकार के खिलाफ केस दायर किया है.  कंपनी का दावा है कि भारत में IT एक्ट का गलत यूज किया जा रहा है. यह काम सरकार के माध्यम से की जा रही है. कंपनी ने अपनी शिकायत में कहा है सरकार  सहयोग पोर्टल का इस्तेमाल कर कंटेंट को ब्लॉक कर रही है. 

कंपनी ने यह भी आरोप लगाया है कि सेंसरशिप का ये तरीका पूरी तरह से गैरकानूनी है. कंपनी को इस बात का डर है कि अगर ऐसे ही कंटेंट आसानी से हटा दिए जाएंगे तो उनका भरोसा हमसे हट जाएगा. इसका असर एक्स के बिजनेस पर पड़ सकता है. 

इस अधिनियम के तहत केस दर्ज

कंपनी ने भारत सरकार के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. याचिका में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79(3)(बी) के उपयोग के तरीके को चुनौती दी गई है. एक्स का दावा है कि भारत में सरकारी अधिकारी उचित कानूनी प्रक्रियाओं को दरकिनार कर रहे हैं और ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक करने के लिए एक अवैध प्रणाली स्थापित कर रहे हैं. याचिका में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79(3)(बी) के उपयोग के तरीके को चुनौती दी गई है.

क्या सरकार के पास ये करने का आधिकार है?

हालांकि, एक्स का तर्क है कि यह खंड सरकार को सामग्री को ब्लॉक करने की शक्ति नहीं देता है, और अधिकारी आईटी अधिनियम की धारा 69 ए - सामग्री को ब्लॉक करने के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया और सुरक्षा उपाय, जैसा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 2015 के श्रेया सिंघल फैसले में निर्धारित किया है - को दरकिनार करने के लिए प्रावधान का दुरुपयोग कर रहे हैं.

एक्स का दावा

एक्स का दावा है कि धारा 69ए केवल विशिष्ट कारणों, जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए ही सामग्री को अवरुद्ध करने की अनुमति देती है, और इसके लिए समीक्षा प्रक्रिया की आवश्यकता होती है. इसके विपरीत, धारा 79(3)(बी) में कोई स्पष्ट नियम नहीं है और अधिकारियों को उचित जांच के बिना सामग्री को अवरुद्ध करने की अनुमति देता है. कंपनी ने चेतावनी दी कि इससे भारत में व्यापक सेंसरशिप हो सकती है.