Electoral Bonds: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बांड, एजेंसियों के दुरुपयोग समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. तमिलनाडु में थांती टीवी के साथ इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि केंद्रीय एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर रही हैं. पीएम मोदी ने बताया कि ईडी वर्तमान में जितने भी मामलों की जांच कर रही है, उनमें से 3% से कम राजनीति से संबंधित हैं.
चुनावी बांड के उपयोग की आलोचना करने वालों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि उन लोगों को जल्द ही पछतावा होगा क्योंकि ये योजना चुनावी चंदा देने वाले के बारे में जानकारी देता है. उन्होंने यह भी कहा कि क्या कोई एजेंसी हमें बता सकती है कि 2014 से पहले चुनावों में कितना पैसा खर्च किया गया था, लेकिन ये अब संभव है.
चुनावी बांड के अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में भाजपा और अन्नाद्रमुक के बीच मतभेद पर भी बात की. पीएम ने कहा कि जो लोग चुनावी बांड का विरोध कर रहे हैं उन्हें जल्द ही पछतावा होगा. 2014 से पहले, चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों को दिए गए धन का कोई निशान नहीं था. मैंने चुनावी बांड पेश किया. अब हम फंडिंग के स्रोत का पता लगा सकते हैं. मोदी ने तमिलनाडु में थांती टीवी के साथ इंटरव्यू के दौरान यह टिप्पणी की.
15 फरवरी को, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में अधिसूचित चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार दिया और भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय चुनाव आयोग से अप्रैल 2019 से खरीदे और भुनाए गए बांड के सभी विवरणों का खुलासा करने को कहा. एसबीआई की तरफ से मिले डाटा को 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया. फैसला लोकसभा चुनाव से पहले आया और विपक्षी दलों और नागरिक समाज कार्यकर्ताओं ने इसका तुरंत स्वागत किया.
पीएम मोदी ने तमिलनाडु में भाजपा और एआईएडीएमके के बीच संबंध विच्छेद पर भी बात की और कहा कि इससे नुकसान हमारा नहीं उनका हुआ है. पीएम ने कहा कि हमारी दोस्ती मजबूत थी. अगर कोई अफसोस है तो यह अन्नाद्रमुक की ओर से होना चाहिए, भाजपा की ओर से नहीं. उन्होंने कहा, "सिर्फ उन लोगों को पछताना चाहिए जो अम्मा (एआईएडीएमके प्रमुख दिवंगत जे जयललिता) के सपनों को नष्ट करके पाप कर रहे हैं.
पिछले साल सितंबर में अन्नाद्रमुक भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर हो गई थी. अन्नाद्रमुक ने दोनों दलों के बीच मतभेदों के लिए तमिलनाडु भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई को जिम्मेदार ठहराया. मोदी ने यह भी कहा कि उनका हर कार्य केवल चुनावी विचारों या सत्ता की खोज से प्रेरित नहीं है, उन्होंने कहा कि यदि चुनावी जीत उनका एकमात्र उद्देश्य होता, तो उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता नहीं दी होती.