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Electoral Bonds Data: जिनपर है सारदा चिटफंड घोटाले के आरोप, उन्हीं की कंपनियों ने TMC पर 'बरसाए पैसे'

Electoral Bonds Data: पिछले महीने चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों और द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा की गई जांच के अनुसार टीएमसी को सारदा चिटफंड से जुड़े आरोपियों की कंपनी से 23 करोड़ का चंदा मिला है.

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Edited By: India Daily Live
TMC

Electoral Bonds Data: चुनावी बांड को लेकर कई बड़े खुलासे हो चुके हैं. अब एक और दिलचस्प जानकारी सामने आई है. टीएमसी को सारदा चिटफंड से जुड़े आरोपियों की कंपनी से चंदा मिला है. पूर्व टीएमसी राज्यसभा सांसद सृंजॉय बोस के परिवार से जुड़ी तीन कंपनियों जिन्हें सारदा चिटफंड मामले से जुड़े आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी को चुनावी बांड के रूप में 23.30 करोड़ रुपये का दान दिया.

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों की जांच करने के बाद द इंडियन एक्सप्रेस ने ये दावा किया है. दान टीएमसी द्वारा 2021 विधानसभा चुनाव जीतने और उस साल मई में राज्य सरकार बनाने के तुरंत बाद शुरू हुआ. जुलाई 2021 और जुलाई 2023 के बीच इनमें से एक कंपनी, रिप्ले एंड कंपनी स्टीवडोरिंग एंड हैंडलिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सात किश्तों में टीएमसी को बांड के रूप में 11.50 करोड़ रुपये का दान दिया.  इसके एक निदेशक प्रशांत कुमार जायसवाल ने अक्टूबर 2023 से दो किश्तों में 4.30 करोड़ रुपये दिए.

किश्तों में मिले करोड़ों

जनवरी 2022 में बोस परिवार के स्वामित्व वाली दूसरी कंपनी, नेटिनकॉन मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड ने टीएमसी को बांड में 3 करोड़ रुपये का दान दिया. रिकॉर्ड बताते हैं कि इस कंपनी ने 2021-22 में 22.30 लाख रुपये का शुद्ध लाभ कमाया. एक तीसरी कंपनी, एरो प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने अक्टूबर 2022 और जुलाई 2023 के बीच चार किश्तों में टीएमसी को बांड में 4.5 करोड़ रुपये का दान दिया. अप्रैल 2019 के बाद से इनमें से किसी भी कंपनी ने टीएमसी के अलावा अन्य पार्टियों को पैसे नहीं दिए. 

आरओसी रिकॉर्ड के अनुसार सृंजॉय बोस ने 2010 में रिप्ले के निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया और 2014 में अपनी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी अपनी मां संपा बोस को हस्तांतरित कर दी. रिकॉर्ड बताते हैं कि अब वह कंपनी के स्थायी कर्मचारी के रूप में 1.80 करोड़ रुपये का वार्षिक वेतन लेते हैं. नेटिनकॉन मार्केटिंग में सृंजॉय की 50.5 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि उनके भाई शौमिक के पास अपनी पत्नी राय बोस के साथ 49.5 फीसदी हिस्सेदारी है. एरो प्रोजेक्ट्स नेटिनकॉन मार्केटिंग के साथ अपना पता और निदेशक साझा करता है.

टीएमसी के राज्यसभा सांसद थे सृंजय बोस

बता दें कि सृंजय बोस 2011 में टीएमसी के राज्यसभा सांसद बने. नवंबर 2014 में उन्हें सारदा समूह से जुड़े घोटाले के संबंध में कथित आपराधिक साजिश, धन की हेराफेरी और अनुचित वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. फरवरी 2015 में जमानत पर रिहा होने के एक दिन बाद, उन्होंने राज्यसभा और टीएमसी सदस्यता से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि हिरासत में उन्हें एहसास हुआ कि राजनीति उनके लिए 'बस' की बात नहीं है.

टीएमसी मुखपत्र 'जागो बांग्ला' के संपादक

2014 में गिरफ्तार होने से पहले सृंजय टीएमसी मुखपत्र 'जागो बांग्ला' के संपादक थे. वह एक प्रमुख बंगाली अखबार 'संगबाद प्रतिदिन' के मालिक भी हैं और उसका संपादन भी करते हैं. पूर्व टीएमसी सांसद कुणाल घोष, जिन्हें सारदा मामले में गिरफ्तार किया गया था, एक सलाहकार संपादक हैं.