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Electoral Bonds: वो डिटेल जिसके लिए SBI को पड़ी 'सुप्रीम' फटकार, क्यों भ्रष्टाचार पकड़ने के लिए है इसकी दरकार

Electoral Bonds Case: सुप्रीम कोर्ट ने Electoral Bonds मामले में फिर से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाई है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर का भी जिक्र किया है.

India Daily Live

Electoral Bonds Case: चुनावी बॉन्ड मामले में एक और बड़ा अपडेट सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन को 21 मार्च शाम 5 बजे तक आदेश का पालन कराने के लिए हलफनामा दाखिल करने को कहा है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी बात कही है. 

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फिर से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को फटकार लगाई. साथ ही कहा कि आप सेलेक्टिव (च्वॉइस) नहीं हो सकते हैं. आपको अपने पास मौजूद सभी चुनावी बॉन्ड बॉन्ड्स का खुलासा करना होगा, जिसमें यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर भी शामिल हैं. ये नंबर चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले और प्राप्त करने वाले राजनीतिक दल के बीच लिंक का खुलासा करेंगे.

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने ये कहा

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड केस में अपने फैसले में एसबीआई से बॉन्ड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और उसे इस पहलू पर अगले आदेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए. 

संविधान पीठ के जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा ने मौखिक रूप से कहा कि हमने एसबीआई से पूरा डेटा पेश करने के लिए कहा था, जिसमें चुनावी बॉन्ड नंबर भी शामिल थे. 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के पालन में यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा न करने पर कारण बताने नोटिस जारी किया था. 

जानिए क्या होता है यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर?

1. हर बॉन्ड को एक अलग अल्फा न्यूमेरिक कोड दिया गया है, जो एसबीआई की ओर से दानदाता और प्राप्तकर्ता से जुड़ा होता है.

2. वर्तमान में एसबीआई ने चुनाव आयोग को दो साइलो में डेटा दिया है. पहला दानकर्ता का, जिन्होंने बॉन्ड खरीदे और दूसरा प्राप्तकर्ता का जिन्होंने उन बॉन्ड्स को कैश कराया. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसमें दोनों के बीच का लिंक गायब है.

3. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले और बॉन्ड्स को भुनाने वाले के बीच वन-टू-वन पत्राचार किया जा सकता है. प्रत्येक इलेक्टोरल बॉन्ड का यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर अल्ट्रावायलेट दिखाई देता है, जो उपलब्ध हो जाता है.

4. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई को सभी विवरणों का खुलासा करना जरूरी था. हम स्पष्ट करते हैं कि इसमें भुनाए गए बॉन्ड का अल्फा-न्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर, यदि कोई हो तो शामिल किया जाए. 

5. एसबीआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर चुनावी बॉन्ड की संख्या बतानी होगी तो हम देंगे.