Budget Session 2025: बजट सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू, महंगाई-रोजगार पर होगी गरमागरम बहस
Budget Session 2025: संसद में आज से बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो रहा है. विपक्ष वक्फ बिल, मणिपुर हिंसा और मतदाता पहचान पत्र के मुद्दों पर सरकार को चुनौती देने का प्रयास करेगा, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरमाने की संभावना है.
Parliament Budget Session 2025: संसद का बजट सत्र आज से अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर रहा है, जो 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा. इस दौरान केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच कई अहम मुद्दों पर तीखी बहस होने की संभावना है. जहां सरकार वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने और बजट से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, वहीं विपक्ष मतदाता सूची में कथित हेराफेरी, मणिपुर में हालिया हिंसा और भारत-अमेरिका संबंधों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है.
आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज मणिपुर का बजट पेश करेंगी. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है. इस बजट को संसद से मंजूरी दिलाना सरकार की प्राथमिकता होगी.
ईपीआईसी पर सरकार को घेरेगा विपक्ष
वहीं, विपक्ष खासकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) में कथित हेराफेरी के मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाने की तैयारी कर रही है. टीएमसी का दावा है कि कुछ मतदाताओं के पहचान पत्र क्रमांक में गड़बड़ियां हैं, जिससे पश्चिम बंगाल में अन्य राज्यों के लोगों को मतदान करने का मौका मिल सकता है. हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेगा. टीएमसी के नेता सोमवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और इस मुद्दे पर कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी) सहित अन्य विपक्षी दलों को भी एकजुट कर संसद में आवाज बुलंद करेंगे.
वक्फ संशोधन विधेयक पर रहेगा सबका ध्यान
बताते चले कि सरकार की प्राथमिकता इस सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने की होगी. यह विधेयक पहले ही संसद की संयुक्त समिति द्वारा समीक्षा के बाद पेश किया जा चुका है, लेकिन विपक्ष के कड़े विरोध के चलते इसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है. इस सत्र में सरकार इसे पारित कराने की पूरी कोशिश करेगी. इसके अलावा, संसद में मणिपुर में हिंसा, डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए शुल्क की धमकी, और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन जैसे अहम मुद्दों पर भी तीखी बहस होने की उम्मीद है.
पहले चरण और दूसरा चरण की अवधि
बता दें कि संसद के बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चला था, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया गया था. अब 10 मार्च से शुरू हो रहा दूसरा चरण 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें सरकार को अनुदान मांगों को मंजूरी दिलाने के साथ-साथ विभिन्न विधेयकों को पारित कराने की चुनौती होगी.