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'अजीत पवार के साथ कैबिनेट में बैठते ही आती है उल्टी...', ये क्या बोल गए एकनाथ शिंदे के मंत्री?

एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री तानाजी सावंत ने जब वे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) के नेताओं के साथ कैबिनेट बैठक करते हैं तो उन्हें उल्टी आती है. एनसीपी नेता अमनोस मिटकरी ने कहा है कि उन्हें कोई गंभीर बीमारी है. यह तानाजी सावंत का पहला विवादित बयान नहीं है, वह कई बार ऐसा कर चुके हैं. वे पहले भी पुलिस अधिकारियों से भिड़कर सुर्खियां बिटोर चुके हैं.

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Edited By: India Daily Live
Tanaji Sawant
Courtesy: Social Media

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में सब ठीक नहीं है. अब एकनाथ शिंदे गुट और अजीत पवार गुट में अनबन की खबरें सार्वजनिक मंचों से भी आ रही हैं. एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री तानाजी सावंत ने कुछ ऐसा कहा है कि महायुति सरकार की किरकिरी हो गई है. उन्होंने कहा है कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) के नेतृत्व के साथ कभी उनका तालमेल नहीं रहा, उनके पास में भी होने से उनके शरीर में अजीब हरकते होती हैं, उल्टी आती हैं.

तानाजी सावंत ने कहा है कि वह कैबिनेट में जब एनसीपी (अजीत पवार) के बगल में बैठने के बाद बाहर आते हैं तो उन्हें उल्टी आ जाती है. उन्होंने कहा, 'मैं अपने पूरे जीवन में एनसीपी के साथ कभी तालमेल नहीं बिठा पाया, हम एक-दूसरे के बगल में बैठते हैं, लेकिन जब हम बाहर आते हैं, तो हमें उल्टी आ जाती है.'

तानाजी सावंत ने कहा, 'मैं एक कट्टर शिवसैनिक हूं. मैं अपने जीवन में कभी भी कांग्रेस और एनसीपी के साथ तालमेल नहीं बिठा पाया. मैं छात्र था, तब से ही मेरा तालमेल नहीं बैठा. यह वास्तविकता है. आज, भले ही मैं उनके साथ कैबिनेट में बैठूं, लेकिन बाहर आने के बाद मुझे उल्टी आ जाती है. मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता.'

महायुति में ठन गई है रार?

तानाजी सावंत के इस बयान से एनसीपी नेता खुश नहीं हैं. एनीसीपी (अजीत पवार) के विधान परिषद सदस्य अमोल मिटकरी ने कहा, 'तानाजी सावंत को नहीं पता कि उल्टी क्यों होती है. तानाजी सावंत स्वास्थ्य मंत्री हैं, जरूर इसका स्वास्थ्य से लेना देना होगा. महायुति में होने के नाते, अगर उन्हें उल्टी हो रही है, तो केवल एकनाथ शिंदे ही हमें बता सकते हैं कि इसकी वजह क्या है.'

सेल्फ गोल के उस्ताद हैं तानाजी सावंत

तानाजी सावंत ने इसी साल मार्च में कहा था कि MVA सरकार को गिराने के लिए एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के समर्थिक विधायकों के बीच 100 से 150 बैठकें हुई थीं. उद्धव ठाकरे ने उन्हें 2019 में जगह नहीं दी, इसलिए नाराज होकर उन्होंने जनवरी 2020 में शिवसेना में बगावत कर दी. उन्होंने कहा था कि धाराशिव जिला परिषद में बीजेपी के साथ गठबंधन के साथ इसकी शुरुआत हुई थी. 

'एकनाथ शिंदे को भी कह चुके हैं ये बात...'

तानाजी सावंत ने 2023 में एक सीनियर पुलिस अधिकारी से कहा था कि वे सीएम की भी बात नहीं सुनते हैं, इसलिए पुलिस को उनके हिसाबसे ही चलना होगा. वे धाराशिव के पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी को डांटते नजर आए थे. उन्होंने एक इंस्पेक्टर के तबादले पर जोर दिया था.