महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अपने 'पुराने साथी' उद्धव ठाकरे की सरकार को अदूरदर्शी बताया है. उन्होंने एक न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू में कहा कि राज्य के विकास को आगे बढ़ाने के लिए उनके पास कोई विजन ही नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे, बुनियादी ढांचों के विकास पर भी काम नहीं कर पाए, वे राज्य को आगे क्या ले जाते. उन्होंने अपनी सरकार की तारीफ में कहा कि ऐसी नीतियां बनाई गई हैं, जिनकी वजह से जन कल्याण हुआ है.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि भारत में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (FDI) और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को लेकर भारत निर्णायक स्थिति में है, इसके लिए महाराष्ट्र की नीतियां जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों ने महराष्ट्र को निवेश के लायक बना दिया है. एकनाथ शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र, अब देश के विकास का इंजन बन गया है. एकनाथ शिंदे ने कहा, 'हम ऐसे उद्योगों को आकर्षित कर रहे हैं जो महाराष्ट्र के लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हैं, उन्हें सुरक्षा और अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए जरूरी सुविधाएं प्रदान करते हैं.'
एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार, जनता से कटी हुई थी. उन्होंने कहा, 'आप घर बैठकर या फेसबुक लाइव पर भरोसा करके सरकार नहीं चला सकते; आपको जमीन पर रहना होगा, लोगों से जुड़े रहना होगा.'
उद्धव ठाकरे सरकार पर बरसते हुए उन्होंने कहा, 'उनके पास बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने के लिए दूरदर्शिता का अभाव था. पीएम मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार ने सफलतापूर्वक अधिक FDI आकर्षित किया है और राज्य के विकास को गति दी है.'
एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण पर कहा, 'हमने उन्हें 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे अदालत में चुनौती दी है. पिछली सरकारों ने निर्णायक कार्रवाई करने के बजाय इस मुद्दे पर केवल राजनीति की.'
महाराष्ट्र में महायुति की सरकार है. एनसीपी (अजीत पवार), शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन की सरकार, कुछ चुनौतियों से जूझ रही है. गुरुवार को ही अजीत पवार की पार्टी के नेता छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने पर मौन प्रदर्शन पर चले गए थे. यह उनका अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन था. महाराष्ट्र सरकार में खींचतान की खबरें सामने आती रहती हैं.