नई दिल्ली: जल जीवन मिशन घोटाले केस में ED ने पूर्व मंत्री महेश जोशी और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है. मिल रही जानकारी के मुताबिक ED की टीम ने आज सुबह 6 बजे पांच लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की. जिनमें पूर्व मंत्री महेश जोशी के 2 ठिकाने, जलदाय विभाग के 2 ठेकेदारों और 2 अधिकारियों के ठिकाने शामिल हैं.
जल जीवन मिशन घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की एक टीम ने मंगलवार को राजस्थान में कई स्थानों पर छापेमारी की. मिली जानकारी के मुताबिक जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के जयपुर और बांसवाड़ा में छापेमारी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक इन ठेकेदारों और अधिकारियों को पूर्व मंत्री महेश जोशी का करीबी संबंध बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि ईडी की टीम महेश जोशी को पूछताछ के लिए ईडी मुख्यालय आने का नोटिस भी जारी कर सकती है. ED उन्हें पूछताछ के लिए दिल्ली या जयपुर तलब कर सकती है.
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एफआईआर से सामने आया है, एफआईआर में आरोप लगाया गया कि श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य लोग लोक सेवकों को रिश्वत देने में शामिल थे. एफआईआर के अनुसार, ये रिश्वत अवैध संरक्षण प्राप्त करने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और पीएचईडी से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में उनके द्वारा किए गए कार्यों में अनियमितताओं को छिपाने के लिए दी गई थी.
केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए जल जीवन मिशन का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है. यह योजना राजस्थान में राज्य पीएचईडी द्वारा लागू की गई थी तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय एजेंसियां विपक्ष को निशाना बनाने के लिए केंद्र की भाजपा नीत सरकार के निर्देश पर काम कर रही हैं. ED ने पिछले साल भी नवंबर और सितंबर में पीएचईडी के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुबोध अग्रवाल के परिसरों पर इसी तरह की छापेमारी की थी.