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कई घंटे की छापेमारी के बाद बेटे को ED ने उठाया, घेरे में गायत्री प्रजापति की महिला मित्र

Gayatri Prajapati: समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रजापति के कई ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है. इस दौरान ईडी ने कई दस्तावेज जब्त किए हैं. जानकारी के अनुसार छापेमारी के बाद ईडी की टीम गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग प्रजापति को अपने साथ ले गई है.

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Edited By: India Daily Live
Gayatri Prajapati

Gayatri Prajapati: यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता गायत्री प्रजापति के खिलाफ ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने लखनऊ, अमेठी और मुंबई में 8 जगहों पर छापेमारी की है. अमेठी में पूर्व मंत्री के घर पर जारी छापेमारी के बाद ईडी की टीम गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग प्रजापति को अपने साथ ले गई है. ईडी की यह छापेमारी करीब 12 घंटे तक चली है. मिल रही जानकारी के अनुसार इस दौरान ईडी की टीम ने कई दस्तावेज जब्त करने के साथ साथ प्रॉपर्टी और बैंक अकाउंट के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की है.

बता दें कि इससे पहले 16 जनवरी को भी ईडी ने छापेमारी की थी. इस दौरान रियल एस्टेट कंपनी में गायत्री प्रजापति और उनके बेटे के निवेश की बात सामने आई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जांच एजेंसी ईडी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता गायत्री प्रजापति के खिलाफ यह छापेमारी रेत खनन के मामले में की जा है. वहीं दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि यह छापेमारी रियल एस्टेट कंपनी में निवेश को लेकर हो रही है. 

गुड्डा देवी के घर भी छापेमारी

ईडी ने गायत्री प्रजापति की एक कथित महिला मित्र गुड्डा देवी के घर पर भी आज सुबह 8 बजे दबिश डाली थी. ईडी की छापेमारी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया है. घर के बाहर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. ईडी के अधिकारी रेड के दौरान मिले कागजात और अन्य मामलों को लेकर पूछताछ कर रही है.  गायत्री प्रजापति की इस करीबी महिला के नाम पर सुल्तानपुर रोड और गोसाईगंज में करोड़ों की जमीन है. यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी से इस महिला का विवाद हुआ था तो अधिकारी के खिलाफ इसने एफआईआर भी दर्ज कराई थी. 

खनन घोटाले में आरोपी हैं गायत्री प्रजापति

गौरतलब है कि सपा नेता गायत्री प्रजापति पर हमीरपुर में अवैध खनन का आरोप हैं. इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है. बीते दिनों सीबीआई ने सपा चीफ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था. हालांकि, अखिलेश यादव पूछताछ में शामिल होने के बजाए सीबीआई को लिखित में जवाब भेज दिया था.