ED Raid In Fairplay Case: ईडी ने फेयरप्ले केस में छापेमारी करके गोरखधंधे का पर्दाफाश कर दिया है. प्रवर्तन निदेशालय ने 12 जून को धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत मुंबई और पुणे में 19 स्थानों पर रेड मारी. फेयरप्ले पर आरोप है कि अवैध तरीके से आईपीएल 2024 का प्रसारण करने और लोकसभा चुनाव के परिणाम को प्रसारित करने का आरोप है. फेयरप्ले पर आरोप है कि वह अवैध तरीके से क्रिकेट मैच और चुनाव परिणाम को प्रसारित करके परिणामों पर सट्टा लगाने सहित विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी गतिविधियों में शामिल था.
छापेमारी में ईडी ने दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस, नकदी, बैंक फंड, डीमैट खाता होल्डिंग्स समेत लग्जरी घड़ियां जब्त की हैं. घड़ियों की कीमत 8 करोड़ के आसपास बताई जा रही है.
ED, Mumbai has conducted search operations on 12.06.2024, under PMLA, 2002 at 19 locations in Mumbai and Pune in the case of “Fairplay” (https://t.co/OMBG0WWAyw) which was involved in illegal broadcasting of cricket/IPL matches and various online betting activities
— ED (@dir_ed) June 13, 2024
प्रवर्तन निदेशालय ने ये छापेमारी वायकॉम 18 मीडिया की शिकायत पर मुंबई के नोडल साइबर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद की. फेयर प्ले पर आरोप है कि उसने अवैध तरीके से लोगों से आईपीएल और लोकसभा चुनाव के परिणाम पर सट्टा लगवाया, जिसकी वजह से प्रसारण के राइट्स खरीदने वाले प्रसारणकर्ता को नुकसान हुआ.
फेयर प्ले के खिलाफ दर्ज FIR के अनुसार "फेयरप्ले" ने इंडियन प्रीमियर लीग जैसे क्रिकेट टूर्नामेंटों का अवैध रूप से प्रसारण किया. जिसकी वजह से ₹100 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. आईपीसी, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 और कॉपीराइट अधिनियम 1957 की धाराओं के तहत उसके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.
छापेमारी के बाद ईडी ने बताया, "प्रवर्तन निदेशालय की जांच से पता चला है कि फेयरप्ले ने दुबई और कुराकाओ में विदेशी कंपनियों के जरिए मशहूर हस्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाली इंडियन एजेंसियों के साथ समझौते किया था. भारतीय एजेंसियों ने फेयर प्ले के साथ समझौता करने से पहले उसके बारे में ठीक ढंग से जानकारी नहीं प्राप्त की.
ईडी ने बताया कि यह फेयर प्ले फर्जी बैंक अकाउंट्स के जरिए पैसा एकत्रित करती थी. अलग-अलग तरीके से इ पैसों को काला से सफेद किया जाता था. जांच में पता चला कि पैसा हांगकांग, चीन और दुबई में स्थित विदेशी फर्जी विदेशी कंपनियों से प्राप्त किया गया था. इन फर्जी ट्रांजैक्शन को अंजाम देने के लिए 400 से अधिक बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था.