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5 नाम, गोवा का होटल, नोटों की फोटो और केजरीवाल, ED ने बताया आबकारी नीति में कैसे लिए गए पैसे

Arvind Kejriwal Bail Case: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान आज ईडी ने कहा है कि उसकी जांच हवा में नहीं है और उसके पास ठोस सबूत हैं. ईडी ने अरविंद केजरीवाल के अलावा चार और लोगों के नाम लिए और नोटों का फोटो होने की बात भी कही. वहीं, केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में कहा कि कोई ठोस सबूत नहीं है, सिर्फ लिंक जोड़े जा रहे हैं. इस मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. फिलहाल, अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ाई गई है.

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Edited By: India Daily Live
Arvind Kejriwal
Courtesy: Social Media

दिल्ली की आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार सीएम अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी गई है. आज उनकी जमानत को लेकर दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कुछ नामों का जिक्र किया. इन्हीं नामों के जरिए ईडी ने यह बताने की कोशिश की कि अरविंद केजरीवाल उन लोगों के संपर्क में थे जिनको रिश्वत के पैसे दिए गए. ईडी का कहना है कि गोवा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल जिस होटल में रुके, उसके पैसे देने वाला शख्स भी इस केस में शामिल है.वहीं, अरविंद केजरीवाल के वकील ने कोर्ट में कहा कि उन्हें स्पेशल न समझा जाए और वह हैं भी नहीं, मुझे सीएम के तौर पर काम करना है, जमजानत तो शर्तों पर होती है, आप चाहें तो मुझ पर शर्तें लगा सकते हैं.

आज हुई सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू पेश हुए. वहीं, अरविंद केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ वकील विक्रम चौधरी ने रखा है. ईडी ने इस केस में विनोद चौहान, चनप्रीत सिंह, विजय नायर, मगुंटा रेड्डी का लिंक अरविंद केजरीवाल से साबित करने की कोशिश की. सवाल-जवाब में ईडी ने यह भी कहा कि उसकी जांच हवा-हवाई नहीं है और उसके पास सबूत भी है. ईडी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल के करीबी चनप्रीत सिंह की बात विनोद चौहान से हो रही थी, केजरीवाल ने अपने फोन का पासवर्ड नहीं दिया तो विनोद चौहान का फोन चेक किया गया. इस दौरान ईडी ने जिन नामों का जिक्र किया है, आइए उनके बारे में समझते हैं.

चनप्रीत सिंह

ईडी की ओर से पेश हुए एस पीव राजू ने कुछ सबूत दिखाए जिसमें लेन-देन का जिक्र था. उन्होंने चनप्रीत सिंह की जमानत याचिका खारिज करने वाले आदेश को भी कोर्ट में पढ़ा. राजू ने कहा, 'चनप्रीत सिंह को कारोबारियों की ओर से भारी कैश मिला और उसने ही अरविंद केजरीवाल का होटल बिल भरा. वह गोवा के चुनाव का काम देख रहा था इसलिए उसे ही पैसे मिले.' उन्होंने करेंसी नोटों की फोटो का स्क्रीनशॉट दिखाते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि ईडी की जांच हवा में है, हमारे पास ठोस सबूत हैं.

विनोद चौहान

एस वी राजू ने कहा, 'चनप्रीत सिंह लगातार विनोद चौहान से वॉट्सऐप पर बात कर रहा था. हमने पता लगा लिया है कि कैश कहां गया. हम सबूत निकाल रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के विनोद चौहान के साथ अच्छे संबंध थे. एक सीएम का ऐसे शख्स से क्या लेना-देना जिसने गोवा के चुनाव के लिए कैश ट्रांसफर किया?' उन्होंने विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल की चैट का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, 'केजरीवाल ने कहा कि मैं फोन का पासवर्ड नहीं दूंगा. ऐसे में हमने विनोद चौहान का फोन चेक करना पड़ा. उनका यह इनकार ही साधारण जमानत याचिका खारिज करने का आधार बनता है. PMLA की धारा 70 सीधे केजरीवाल पर लागू होती है क्योंकि वही AAP के मुखिया हैं.'

विजय नायर

राजू ने तीसरा नाम विजय नायर का लिया. उन्होंने कहा, 'विजय नायर सरकार से कनेक्टेड नहीं थे. उनका आबकारी नीति बनाने में कोई हाथ नहीं था लेकिन वह मिडल मैन थे. केजरीवाल से उनकी नजदीकी पर कोई संदेह नहीं है. उन्होंने ही रिश्वत का जुगाड़ किया जिसकी मांग केजरीवाल ने की थी.'

मगुंटा रेड्डी

ईडी ने आगे कहा कि ये सारे बयान दिखाते हैं कि मगुंटा रेड्डी ने 16 मार्च को अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की. दूसरी बात यह है कि केजरीवाल ने जानबूझकर समन को नजरअंदाज किया.हमने 9 समन के बावजूद उन्हें गिरफ्तार नहीं किया था.

इस मामले में केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा, 'अगस्त 2022 में जांच शुरू हुई और जुलाई 2023 तक केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं था. अक्तूबर 2023 में पहला समन भेजा गया. सीबीआई ने गवाह के तौर पर बुलाया. तब यह नहीं कहा गया कि केजरीवाल को AAP के संयोजक के तौर पर बुलाया जा रहा है. 16 मार्च को चुनाव का ऐलान हुआ और उसी दिन समन भेजा गया. 20 मार्च को केस हाई कोर्ट में लिस्ट हुआ. हाई कोर्ट ने उन्हें नोटिस भेजा.'

चौधरी ने यह भी कहा कि चनप्रीत सिंह ने कहीं नहीं कहा है कि उसने AAP के चुनाव प्रचार के लिए पैसे दिए. उन्होंने उन चैट को लेकर भी कहा कि उनसे कहीं यह साबित नहीं हो रहा है कि चुनाव से उनका कोई संबंध है या फिर उनमें रिश्वत को लेकर कोई बात हो रही है. चौधरी के मुताबिक, यह सिर्फ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि विजय नायर, कैलाश गहलोत के आवास में रह रहे थे. चौधरी ने कहा कि केजरीवाल के पक्ष में जमानत का एक आदेश पहले से है और मामला कोर्ट में है. उन्होंने यह भी अपील की है कि कोर्ट चाहे तो उन्हें शर्तों के आधार पर जमानत दे दे, जिससे वह सीएम के तौर पर अपना काम कर पाएं. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.