तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे और बीआरएस नेता केटी रामाराव (KTR) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को फॉर्मूला-ई रेस मामले में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया. यह मामला उस समय सामने आया जब तेलंगाना हाई कोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को इस मामले में KTR को 30 दिसंबर तक गिरफ्तार न करने का आदेश दिया था.
फॉर्मूला-ई रेस केस में क्या है आरोप?
तेलंगाना के गवर्नर ने हाल ही में रामाराव के खिलाफ इस मुद्दे को लेकर केस दर्ज करने की अनुमति दी थी. इस मामले में केटी रामाराव को प्रमुख आरोपी के रूप में नामित किया गया है, जबकि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार और सेवानिवृत्त नौकरशाह बीएलएन रेड्डी को क्रमशः दूसरे और तीसरे आरोपी के रूप में नामित किया गया है.
तेलंगाना हाई कोर्ट का आदेश
तेलंगाना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए एसीबी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे 30 दिसंबर तक केटी रामाराव को गिरफ्तार न करें. न्यायमूर्ति नत्चराजू श्रवण कुमार वेंकट की अध्यक्षता वाली अदालत ने रामाराव की याचिका पर सुनवाई करते हुए इस अंतरिम राहत को मंजूरी दी. अदालत ने रामाराव से जांच में सहयोग करने को कहा और मामले की अगली सुनवाई अगले सप्ताह तय की.
फॉर्मूला-ई रेस का विवाद
तेलंगाना सरकार के पूर्व शासन में हैदराबाद में फॉर्मूला-ई रेस का आयोजन किया गया था. हालांकि, सरकार के द्वारा इस रेस से जुड़े कुछ फैसलों के खिलाफ नए शासन ने विरोध जताया था. इसके परिणामस्वरूप, फॉर्मूला-ई ने हैदराबाद ई-प्रिक्स को रद्द कर दिया और इसे एक समझौते के उल्लंघन के रूप में बताया. यह रेस फरवरी 2024 में आयोजित होने वाली थी, लेकिन तेलंगाना सरकार के विरोध के बाद यह आयोजन अब स्थगित हो गया.
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप?
अब ईडी (Enforcement Directorate) ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है. अगर जांच में यह आरोप सही पाए जाते हैं, तो केटी रामाराव के लिए कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान है.
राजनीतिक हलकों में तेज हुई चर्चा
इस केस में तेलंगाना सरकार के अधिकारियों के खिलाफ भी जांच जारी है, और यह मामला राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ ले सकता है. बीआरएस पार्टी और केटी रामाराव की तरफ से इस मामले पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस मामले की गंभीरता को देखते हुए राजनीतिक हलकों में इस पर चर्चा तेज हो गई है. जांच आगे बढ़ने के साथ, यह देखना होगा कि क्या केटी रामाराव और अन्य आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाती है या मामला कुछ समय के लिए और लटकता है.