ED Cases Against Opposition Leaders: शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया. गुरुवार शाम को ED की टीम सीएम केजरीवाल के खिलाफ 10वां समन लेकर उनके आवास पर पहुंची और शराब घोटाले मामले में करीब दो घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्हें आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जायेगा. इस दौरान ईडी की टीम की टीम कोर्ट से केजरीवाल को पूछताछ के लिए हिरासत में देने का मांग करेगी।
विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र की मोदी सरकार राजनीतिक फायदे के लिए सीबीआई, ईडी समेत तमाम जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है. इन लोगों का कहना है कि 2014 से लगातार केंद्र सरकार एक पैटर्न के तहत विपक्षी नेता को फंसाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है और इसकी कड़ी में लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस सितंबर 2022 में छपे एक रिपोर्ट के मुताबिक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाले यूपीए शासनकाल के मुकाबले मोदी सरकार में राजनेताओं के खिलाफ ED के मामलों में चार गुना बढ़ोतरी हुई. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2014 से 2022 के बीच ईडी जांच के दायरे में देश के 121 प्रमुख नेता आए. इन नेताओं में से 115 करीब यानी 95 प्रतिशत विपक्षी नेता थे. वहीं ईडी ने मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए शासन काल (2004 से 2014) के दौरान 26 नेताओं के खिलाफ जांच की, जिनमें 14 विपक्षी नेता शामिल थे.
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2022 के बीच ईडी टीम ने कांग्रेस- 24, TMC- 19, NCP- 11, शिवसेना- 8, BJD- 6, DMK- 6, BSP- 5, RJD- 5, BSP- 5, SP- 5, TDP-5, AAP- 3, INLG- 3, YSRPC- 3, CPM- 2, NC- 2, PDP- 2, IND- 2, AIDMK- 1, MNS- 1, SBSP- 1 और BRS के 1 नेता शामिल है.
वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि अधिकांश मामले मोदी शासन के आलोचकों और विरोधियों के खिलाफ की जाती है. जबकि केंद्रीय जांच एजेंसियों के दायरे में आए कुछ नेताओं के सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में शामिल होने पर उनके खिलाफ दर्ज मामले को या रफा दफा कर दिया जाता है या फिर उन्हें दबा दिया जाता है.