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National Herald case: सोनिया और राहुल गांधी की संपत्तियों पर ED का कब्जा शुरू, जानें क्या है पूरा मामला

National Herald case: इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय ने जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स को भी नोटिस जारी किया है, जो मुंबई के 'हेरल्ड हाउस' की तीन मंजिलों का वर्तमान किरायेदार है. कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह भविष्य में सभी किराए की राशि सीधे प्रवर्तन निदेशालय के पास जमा करे.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
ED begins seizure of Sonia and Rahul Gandhi properties related to National Herald case
Courtesy: Social Media

National Herald case:  नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक कई मोड़ आ चुके हैं. अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी कुछ संपत्तियों पर कब्जा करना शुरू कर दिया है. इस कार्रवाई का मुख्य कारण उन संपत्तियों का कथित तौर पर गलत तरीके से अधिग्रहण और उनके द्वारा किए गए वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप है, जो पहले 'असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड' (AJL) द्वारा प्रकाशित नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी हैं.

ईडी का कब्जा और संपत्तियों की जांच

11 अप्रैल 2025 को, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित संपत्तियों के रजिस्ट्रारों को नोटिस जारी किए. इन संपत्तियों का संबंध AJL से है, जिसे 'यंग इंडियन' नामक कंपनी ने अधिग्रहित किया था. यह कंपनी सोनिया गांधी और राहुल गांधी द्वारा संचालित की जाती है.

एजेंसी का आरोप है कि AJL की संपत्तियां यंग इंडियन द्वारा एक "दुराचारपूर्ण तरीके से" हड़पी गईं, जिससे लगभग 2,000 करोड़ रुपये के संपत्ति पर कब्जा किया गया. इन संपत्तियों में दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के प्रमुख स्थान शामिल हैं.

988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, यह कार्रवाई 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के आधार पर की जा रही है. ED का दावा है कि इस राशि का इस्तेमाल अवैध तरीकों से किया गया था और इस प्रकार के वित्तीय लेन-देन का उद्देश्य "काले धन" को वैध बनाना था.

2023 के नवंबर महीने में, प्रवर्तन निदेशालय ने इन संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया था. अब, इस निर्णय की पुष्टि 10 अप्रैल को हो गई है, और संपत्तियों का कब्जा लिया गया है.

2021 में हुई जांच की शुरुआत

यह जांच 2021 में शुरू हुई थी, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2014 में एक निजी अपराध शिकायत दर्ज कराई थी. स्वामी ने आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने AJL की संपत्तियों को धोखाधड़ी से यंग इंडियन को सौंपा. इस प्रक्रिया में यंग इंडियन ने केवल 50 लाख रुपये की मामूली राशि में इन संपत्तियों का अधिग्रहण किया.