कभी शहद बेचा, कभी अवैध खनन, कौन है हाजी इकबाल जिसकी 4400 करोड़ की संपत्ति ED ने जब्त कर ली
Haji Iqbal: नेता, खनन माफिया और कई अन्य नामों से मशहूर हाजी इकबाल एक बार फिर से चर्चा में हैं. इस बार ईडी ने ग्लोकल यूनिवर्सिटी की 121 एकड़ की जमीन और सभी इमारतों को जब्त कर लिया है. हाजी इकबाल के खिलाफ 2021, 2022 और 2023 में भी इसी तरह की कार्रवाई हो चुकी है. कहा जाता है कि भारत से फरार होने के बाद हाजी इकबाल ने दुबई में पनाह ले रखी है. वहीं, उसके परिवार के कई अन्य लोग जेल में बंद हैं. हाजी इकबाल मायावती की सरकार के समय उत्तर प्रदेश की विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. आरोप हैं कि इसी का इस्तेमाल करके इकबाल ने खूब पैसे बनाए.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के पूर्व सदस्य यानी एमएलसी रहे मोहम्मद इकबाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. खनन माफिया कहे जाने वाले मोहम्मद इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग और सैकड़ों एकड़ जमीन को ईडी ने जब्त कर लिया है. कहा जा रहा है कि जितनी संपत्ति जब्त की गई है उसकी कीमत लगभग 4400 करोड़ रुपये है.रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद इकबाल ने भारत छोड़ दिया है और दुबई में शरण ले ली है. मोहम्मद इकबाल के बेटों और बड़े भाई के खिलाफ भी कई केस चल रहे हैं. इनमें से कई लोग जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है. ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में की है.
मोहम्मद इकबाल सहारनपुर के निवासी हैं. सहारनपुर में मौजूद ग्लोकल यूनिवर्सिटी भी इकबाल की ही है.ईडी ने अब ग्लोकल यूनिवर्सिटी की सभी इमारतों और 121 एकड़ जमीन को जब्त कर लिया है. बताया गया है कि मोहम्मद इकबाल के खिलाफ ईडी के अलावा कई अन्य एजेंसियां भी जांच कर रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद इकबाल भारत से फरार हो चुके हैं और दुबई में पनाह ली है.
निशाने पर ग्लोकल यूनिवर्सिटी
ईडी ने बताया है कि अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी का संचालन किया जा रहा था. हालांकि, इस ट्रस्ट का मैनेजमेंट और कंट्रोल मोहम्मद इकबाल के परिवार के पास था. बता दें कि यह केस 10 साल पहले दर्ज किया गया था. खनन घोटाले में दर्ज की गई सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था और मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत जांच शुरू कर दी थी. इसी केस में अब ईडी ने इकबाल के परिवार के खिलाफ कार्रवाई की है और बड़े पैमाने पर जब्ती की है.
इस केस में लीज होल्डर के साथ-साथ कई अधिकारियों को भी नामजद किया गया था. सहारनपुर में खनन पट्टों से जुड़ी धांधली के बारे में इडी को पता चला था कि ज्यादातर खनन फर्मों का कंट्रोल मोहम्मद इकबाल के पास था. इतना ही नहीं, ये फर्म सहारनपुर और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन भी कर रही थीं. इसी के जरिए करोड़ों रुपये का खेल किया गया. आरोप है कि मोहम्मद इकबाल ने इस अवैध कमाई को छिपा लिया. बाद में भारी भरकम रकम को अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया.
जांच में पता चला है कि ज्यादातर पैसों को कर्ज और दान के रूप में दिखाया गया. ट्रस्ट ने इन पैसों की मदद से यूनिवर्सिटी के लिए जमीन खरीदी और उस पर निर्माण करवाया. ईडी के मुताबिक, इस तरह से लगभग 500 करोड़ रुपये ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गए.
कौन हैं मोहम्मद इकबाल?
कई साल से आय से अधिक संपत्ति, अपार धन-दौलत के मामलों और राजनीति में चर्चित रहे मोहम्मद इकबाल को हाजी इकबाल के नाम से भी जाना जाता है. हाजी इकबाल बहुजन समाज पार्टी की सरकार के समय MLC बने और सत्ता का दुरुपयोग करके अकूत संपत्ति बनाई. इकबाल के चार बेटे वाजिद, जावेद, अलीशान और अफजाल हैं.बसपा शासनकाल में चीनी मिल खरीदने के बाद इकबाल का नाम चर्चा में आया था. मोहम्मद इकबाल का खनन का काला कारोबार सपा के शासनकाल में जारी रहा था.
एक समय पर परचून की दुकान चलाने वाले इकबाल ने कुछ ही सालों में अरबों-खरबों की संपत्ति जुटा ली. इकबाल ने कुछ समय तक शहद की पैकिंग करवाकर भी बेचा. बीच में खैर की तस्करी की और आखिर में खनन माफिया के तौर पर काम शुरू कर दिया. सितंबर 2022 में इकबाल की लगभग 250 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी. जुलाई 2022 में इकबाल के कई घरों पर बुलडोजर चला दिया गया था.
इकबाल और उसके परिवार के खिलाफ लोगों को धमकाने, अवैध कब्जा करने, अवैध खनन करने और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं. जून 2023 में हाजी इकबाल की 11 करोड़ रुपये की कोठी पर तालाबंदी भी की गई थी.
चीनी मिल केस में भी हुई थी जब्ती?
साल 2010 से 2011 के बीच उत्तर प्रदेश की 11 चीनी मिलों को बेचा गया. आरोप है कि इन मिलों को कम दाम पर बेचा गया और कुल 21 से ज्यादा कंपनियों को तो बेहद मामूली दामों पर बेच दिया गया है. इस डील में राज्य और केंद्र की सरकार को लगभग 1179 करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान था. इस दौरान उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार थी. इसी केस में मार्च 2021 में हाजी इकबाल और उनके परिवार की 1097 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी.