Earthquake Delhi-NCR: शनिवार दोपहर अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने उत्तर भारत के कई हिस्सों को हिला दिया. कश्मीर घाटी से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक लोगों ने हल्के से मध्यम झटके महसूस किए, जिससे आस पास के इलाके में दहशत फैल गई. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, यह भूकंप दोपहर 12:17 बजे (IST) पर सतह से 86 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया. इसका केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में था, जो टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है. इस क्षेत्र में बार-बार भूकंप आते रहते हैं, जिससे यह भूगर्भीय रूप से संवेदनशील माना जाता है.
कश्मीर घाटी में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. श्रीनगर से सामने आए एक वीडियो में दिखा कि भूकंप के कुछ ही क्षणों बाद लोग इमारतों से बाहर भाग रहे थे. एक अन्य वीडियो में घरों के अंदर छत के पंखे हिलते दिखे, जो भूकंप की तीव्रता का संकेत देता है.
श्रीनगर के एक स्थानीय निवासी ने बताया, 'जब मैं दफ्तर में था, तब मुझे भूकंप का झटका महसूस हुआ- मेरी कुर्सी हिलने लगी. यह बहुत हल्का या बहुत तेज नहीं था. मुझे यकीन नहीं है कि कोई नुकसान हुआ है या नहीं, लेकिन इस क्षेत्र में भूकंप आना आम बात है.' दिल्ली-एनसीआर में भी लोगों ने हल्के झटके महसूस किए, लेकिन अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं मिली है.
#WATCH | An earthquake of magnitude 5.8 on the Richter scale hit Afghanistan at 12:17 PM (IST); tremors also felt in parts of Jammu and Kashmir
— ANI (@ANI) April 19, 2025
A local in Srinagar says, "...I felt the tremor. I was in the office when my chair shook..." pic.twitter.com/JvEAuoeoTk
#WATCH | An earthquake of magnitude 5.8 on the Richter scale hit Afghanistan at 12:17 PM (IST); tremors also felt in parts of Jammu and Kashmir
— ANI (@ANI) April 19, 2025
(Visuals from Poonch) pic.twitter.com/PQP8Ektldi
यह भूकंप हाल के दिनों में इस क्षेत्र में दूसरी बड़ी भूकंपीय घटना थी. बुधवार सुबह अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 5.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके झटके भी दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर भारत में महसूस किए गए. एनसीएस के अनुसार, वह भूकंप 75 किलोमीटर की गहराई पर था और उपरिकेंद्र के आसपास नुकसान की आशंका थी. अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा के दोनों ओर से अभी तक किसी बड़े नुकसान या हताहत की सूचना नहीं है. प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.