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DUSU Election 2023: राजनीति का लॉन्च पैड है DU का इलेक्शन, प्रत्याशियों ने गंदी राजनीति की खोल दी पोल

DUSU Election 2023: दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनाव को राजनीति का लॉन्च पैड कहा जाता है. हमने कई प्रत्याशियों से बात की और यह जानने की कोशिश की कि आखिर इसे लॉन्च पैड क्यों कहा जाता है.

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Edited By: Purushottam Kumar
DUSU Election 2023: राजनीति का लॉन्च पैड है DU का इलेक्शन, प्रत्याशियों ने गंदी राजनीति की खोल दी पोल

DUSU Election 2023: दिल्ली यूनिवर्सिटी का छात्र संघ (DUSU 2023) का चुनाव अब अपने अंतिम चरण में है. सभी 52 कॉलेजों में मतदान केंद्र बनाए गए हैं अब बस कुछ घंटों बाद भारतीय राजनीति में कुछ नए चेहरे का उदय होगा. जो दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi university) से निकलकर देश की राजनीति में अपना किस्मत आजमाएगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनाव को राजनीति का लॉन्च पैड कहा जाता है. हमने कई प्रत्याशियों से बात की और यह जानने की कोशिश की कि आखिर इसे लॉन्च पैड क्यों कहा जाता है.

सीधे मिलती है राजनीति एंट्री

दिल्ली यूनिवर्सिटी के चुनाव में बाहुबल, बड़ी गाड़ियां, पब, पिज्जा, पूल पार्टी (Party in Delhi university) खूब चलता है लेकिन पैसे आते कहां से है? लिंगदोह कमीशन के अनुसार आप छात्रसंघ के चुनाव में 5 हजार रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते. फिर बड़ी गाड़ियां और पार्टी पर खर्च कैसे? इसपर छात्र संघ में सह सचिव के पद पर चुनाव लड़ रहे अमरेंद्र यादव बताते हैं कि पैसा बड़ी पार्टी भी अपने कंडीडेट को देती है.

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अमरिंदर यादव बताते हैं कि पैसा बड़ी पार्टी भी अपने कंडीडेट को देती है. जैसे एनएसयूआई है या एबीवीपी (NSUI and ABVP)है ये या तो ऐसे लोगों को चुनाव लड़वाना चाहती है जिसके पास पैसा हो. ये आम परिवार के लोगों को टिकट ही नहीं देते. अरविंद निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे लेकिन किसी कारण से नहीं लड़ पाए. वो बताते हैं कि सबको भारत की राजनीति में दिल्ली यूनिवर्सिटी से सीधे एंट्री मिल जाती है. इसलिए लोग लाखों करोड़ों रुपये खर्च करते भी है. यहां से जीतने के बाद बड़े नेताओं के साथ उठना बैठना शुरू हो जाता है इसलिए ये सब जीतना चाहता है.

कई उदाहरण है DU से लॉन्च होने लोगों की

डॉ सन्नी सिंह अभी दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज में इतिहास के सहायक प्रोफेसर हैं. वो बताते हैं कि दिल्ली यूनिवर्सिटी का गौरवशाली इतिहास रहा है, जो भी छात्र यहां से छात्र संघ में जीत हासिल करता है वो भारतीय और क्षेत्र के राजनीति में अच्छा कर जाता है कुछ उदाहरण है जैसे भाजपा (भारतीय जनता पार्टी)  के अरुण जेटली, विजय गोयल, सुषमा स्वराज, कांग्रेस के अजय माकन, अलका लांबा इसलिए ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के चुनाव को भारतीय राजनीति का लॉन्च पैड कहा जाता है. सनी सिंह बताते हैं कि मीडिया, राजनीतिक पार्टियों समेत पूरे देश की नजर इसपर ही होती है, इसलिए उनको राजनीति में एंट्री आसानी से मिल जाती है.

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