प्राण-प्रतिष्ठा के दिन कहीं सुंदरकांड के पाठ तो कहीं शंखनाद के बीच जन्में नवजात... मुस्लिम महिला ने रखा अपने बच्चे का नाम राम रहीम
Ram Mandir: 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के दिन अलग-अलग राज्यों में कई बच्चों ने जन्म लिया. प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन जन्म लेने के कारण इनमें से कई बच्चों का नाम भगवान राम पर रखा गया.
Ram Mandir: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इस शुभ मुहूर्त में देश भर में कई बच्चों ने जन्म लिया. विद्वानों और पंडितों ने इस दिन को काफी शुभ बताया था. उनके अनुसार इस दिन पैदा होने वाले बच्चे भगवान राम की ही तरह पराक्रमी होंगे. इस दिन जन्म लिए अधिकतर बच्चों का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है.
अयोध्या में इस दिन जन्में बच्चों की बात करें तो जिला महिला चिकित्सालय में रात 12 बजे से 22 जनवरी शाम सात बजे तक कुल 32 बच्चों ने जन्म लिया. इनमें 17 लड़के और 15 लड़कियां थी. खास बात ये है कि उत्तर प्रदेश के फीरोजाबाद में एक मुस्लिम महिला ने अपने नवजात बच्चे का नाम भगवान राम के नाम पर 'राम रहीम' रखा है.
हिन्दू-मुस्लिम एकता का दिया संदेश
22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के फीरोजाबाद में फरज़ाना नाम की एक मुस्लिम महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे की दादी हुस्न बानो ने नवजात का नाम राम रहीम रखा है. उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देने के लिए बच्चे का नाम राम रहीम रखा है.
डिलीवरी रुम में बनाया गया लघु राम मंदिर
राम मंदिर के उद्घाटन के दिन उतर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी में स्थित एक निजी नर्सिंग होम के डिलीवरी रुम में एक लघु राम मंदिर बनाया गया था. इसके साथ ही नर्सिंग होम के प्रसूति कक्ष, नवजात शिशु कक्ष को भगवा रंग से सजाया गया था. इतना ही नहीं, इस दिन महिलाओं को प्रसव से पहले भगवान राम के दर्शन भी कराए गए और हनुमान चालीसा का पाठ भी कराया गया.
नवजात के कानों में फूंका राम नाम का मंत्र
संभल जिले के सरकारी अस्पताल में जन्में एक बच्चे का नाम 'राम' गया. इतना है नहीं, जन्म लेते ही बच्चे के गले में रामनामी पटका भी डाल दिया गया और उसके कानों में राम नाम का मंत्र फूंका गया. इसके साथ ही संभल के ही एक निजी अस्पताल में राम दरबार स्थापित किया गया था. वहीं चंदौसी जिले में भी इसी तरह लेबर रुम के बाहर राम दरबार की स्थापना की गई थी.
जन्म कभी भी हो, बर्थ डे 22 को ही मनाएंगे
22 जनवरी के शुभ मुहूर्त और रामलला के आगमन की खुशी का हर कोई अपनी-अपनी तरह से इजहार कर रहा है. इसी बीच सलेमपुर निवासी एक व्यक्ति ने कहा कि उनके बच्चे का जन्म कभी भी हो लेकिन वो बर्थ डे 22 जनवरी को ही मनाएंगे. दरअसल डॉक्टर्स ने उनकी पत्नी की डिलीवरी की डेट 31 जनवरी को दी थी लेकिन वो 22 जनवरी को डिलीवरी होने की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन ऐसा नही होने पर उन्होंने हर साल 22 जनवरी को ही अपने बच्चे का जन्मदिन मनाने का फैसला किया है.
महिलाओं ने की थी प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन डिलीवरी की मांग
22 जन्नवरी का दिन विद्वानों द्वारा बेहद शुभ बताया गया था. इस दिन भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की गई है. इसलिए कई गर्भवती महिलाओं ने इसी दिन अपने बच्चों की डिलीवरी कराने की डॉक्टरों से गुजारिश की थी. खास बात ये है कि जिन महिलाओं की डिलीवरी नॉर्मल होने वाली थी, उन्होंने भी सी सेक्शन से 22 जनवरी को ही डिलीवरी करवाने की अपील की थी.
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