नई दिल्ली: यूपी में इंडिया गठबंधन का कुनबा एकजुट होने के पहले ही बिखरने के कगार पर आ खड़ा हुआ हैं. बीते दिनों सपा और RLD के बीच गठबंधन का ऐलान होने के बाद भी जंयत के अलग सियासी कदम को लेकर चर्चा तेज है. सियासी हलकों में ऐसी चर्चा हैं कि दिल्ली में जयंत चौधरी की बीजेपी के बड़े आला नेताओं से मुलाकात हुई है. जिसके बाद उनके NDA में हिस्सा बनने को लेकर चर्चाओं का बाजर गर्म है.
दरअसल सपा और RLD के बीच मनमुटाव की वजह तीन लोकसभा सीटों को बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी पश्चिमी यूपी की कैराना, मुजफ्फरनगर, और बिजनौर सीट पर अपने उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारना चाहती हैं. सपा कैराना से पूर्व सांसद तबस्सुम हसन की बेटी इकरा हसन, मुजफ्फरनगर से पूर्व सांस हरिंदर मलिक, और बिजनौर से रुचि वीरा को लड़ाना चाहती है. समाजवादी पार्टी चाहती थी कि उसके उम्मीदवार मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर लोकसभा सीटों पर आरएलडी के सिंबल पर चुनाव लड़ें. इसके चलते आरएलडी और सपा गठबंधन में टूट के कारण बनते दिख रहे हैं.
जंयत चौधरी अपनी इन तीनों परंपरागत सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने को लेकर तैयारी में जुटे हुए है लेकिन सपा के अड़ियल रुख को देखते हुए जंयत चौधरी की बीजेपी के संपर्क की खबर है. बीजेपी ने जो 4 सीटें आरएलडी को ऑफर की हैं, उनमें कैराना, बागपत, मथुरा और अमरोहा सीट बताई जा रही है.
इसके साथ ही NDA का हिस्सा बनने के बाद केंद्र और राज्य सरकार में हिस्सेदारी की खबरें भी छनकर आ रही है. अब सवाल यह है कि कि वो अपने सियासी रकबे के मद्देनजर बीजेपी के साथ चुनावी तोल-मोल करते हैं या इंडिया गठबंधन की छतरी तले चुनावी समर में उतरते हैं. ऐसे में अब सबकी नजर जंयत चौधरी के अगले कदम पर टिकी हुई है.