DU Former Professor Ritu Singh: दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर डॉ. रितु सिंह का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. रितु सिंह को कथित तौर पर जातिगत आधार पर नौकरी से निकाले जाने को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि डॉ. रितु सिंह का कहना है कि उनके साथ जातिगत आधार पर भेजभाव किया गया और उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया.
कांग्रेस का कहना हो कि अपने साथ अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए ये पकौड़े बेच रही हैं और मोदी सरकार की युवा विरोधी नीतियों का विरोध कर रही हैं. कांग्रेस ने आगे लिखा कि मोदी सरकार में बेरोजगारी की सारी सीमाएं लांघ दी हैं. हालात इतने बुरे हैं कि PhD करने के बाद भी युवा पकौड़े बेचने को मजबूर हैं. कांग्रेस बेरोजगारी के खिलाफ इस जंग में युवाओं के साथ है. हम युवाओं को न्याय दिलाकर रहेंगे.
PhD कर चुकी एक काबिल दलित लड़की को गैर कानूनी तरीके से नौकरी से हटाया गया है।
— Congress (@INCIndia) March 8, 2024
भारत की बेटी को प्रधानमंत्री की सलाह मानते हुए आज पकौड़े बेचने पड़ रहे हैं। लेकिन उन्हें वो भी नहीं करने दिया जा रहा है।
रितु जी की इस लड़ाई में कांग्रेस उनके साथ है।
: @Pawankhera जी pic.twitter.com/gjnkzUYVPp
बता दें कि डॉ. रितु सिंह डीयू के दौलत राम कॉलेज में साइकोलॉजी विभाग में एडहॉक प्रोफेसर रह चुकी हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि वह दलित समाज से आती हैं और इसी वजह से उन्हें डीयू प्रशासन ने नौकरी से निकाल दिया. डॉ. सिंह पिछले काफी समय से डीयू के बाहर धरना देती रही हैं. रितु करीब 1 साल तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रहीं.
फुटपाथ पर रेहड़ी लगाकर पकौड़े तलने को लेकर डीयू की पूर्व प्रोफेसर डॉ. रितु सिंह के खिलाफ मौरिस नगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. गौरतलब है कि रितु ने सोमवार को पीएचडी पकौड़े वाली के नाम से होर्डिंग लगाकर रेहड़ी लगाई थी.