भारतीय तटरक्षक बल को बड़ी कामयाबी मिली है. 12-13 अप्रैल की रात भर चली एक कार्रवाई में भारतीय तटरक्षक बल ने गुजरात एटीएस के साथ मिलकर समुद्र में एक खुफिया जानकारी के आधार पर मादक पदार्थ विरोधी अभियान चलाया. इस ऑपरेशन में लगभग 1800 करोड़ रुपये मूल्य के 300 किलोग्राम से अधिक मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं. जब्त की गई दवाओं के मेथमफेटामाइन होने का संदेह है.
यह ऑपरेशन अंतर-एजेंसी के बीच समन्वय का एक आदर्श उदाहरण है. जिसमें गुजरात एटीएस से प्राप्त एक इनपुट के आधार पर, तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) से एक आईसीजी जहाज, जो उत्तर महाराष्ट्र/दक्षिण गुजरात क्षेत्र में मल्टी-मिशन तैनाती पर है ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) के निकट एक ट्रांसशिपमेंट के प्रयास को मोड़ दिया और रोक दिया.
मादक पदार्थों समुद्र में फेंक भागे तस्कर
एटीएस की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर आईसीजी जहाज के निकट आने का एहसास होने पर संदिग्ध नाव ने आईएमबीएल की ओर भागने से पहले अपने मादक पदार्थों की खेप को समुद्र में फेंक दिया. सतर्क आईसीजी जहाज ने संदिग्ध नाव का पीछा करते हुए फेंकी गई खेप को बरामद करने के लिए तुरंत अपनी समुद्री नाव तैनात की. तटरक्षक बल ने अपनी छोटी नाव उतारकर समुद्र में फेंकी गई खेप को खोजा, जबकि मुख्य जहाज ने तस्करों का पीछा किया.
13वां बड़ा ऑपरेशन
हालांकि नाव IMBL पार कर गई, जिससे तटरक्षक बल को पीछा रोकना पड़ा. इस बीच, समुद्री नाव में आईसीजी टीम ने कठिन रात की परिस्थितियों में गहन तलाशी के बाद, समुद्र में फेंकी गई बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों को बरामद किया। जब्त किए गए मादक पदार्थों को आगे की जांच के लिए आईसीजी जहाज द्वारा पोरबंदर लाया गया. यह कार्रवाई हाल के सालों में ICG और एटीएस की तरफ से की गई 13वीं बड़ी संयुक्त सफलता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इन एजेंसियों की मजबूत साझेदारी को दिखाती है.