...तो वीरान हो जाएगा मुखर्जी नगर? अब Noida में खुलेगा दृष्टि कोचिंग का सेंटर, बाकी भी तलाश रहे जगह
Drishti IAS: रिपोर्ट के मुताबिक, दृष्टि IAS जैसे तमाम कोचिंग संस्थान और मुखर्जी नगर को छोड़कर दूसरे इलाकों में अपनी कोचिंग शुरू करने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए जगह भी देखी जाने लगी है. दरअसल, ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद से कई बेसमेंट सील कर दिए गए हैं जिसके चलते कोचिंग संस्थान बंद हैं और उनमें बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं हो रही है.
दिल्ली के मुखर्जी नगर और ओल्ड राजेंद्र नगर को कोचिंग सेंटर की वजह से जाना जाता है. दशकों से ये दोनों जगहें UPSC समेत कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का गढ़ रहे हैं. हालांकि, ओल्ड राजेंद्र नगर की एक कोचिंग के बेसमेंट में हुए हादसे के बाद अब ये जगहें इतिहास का हिस्सा हो सकती हैं. लंबे समय से कोचिंग संस्थानों पर ताला लगा होने के चलते कई संस्थान अब कहीं और शिफ्ट करने के बारे में सोच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, दृष्ठि IAS ने तो नोएडा में अपनी कोचिंग खोलने का फैसला कर लिया है. वहीं, कई अन्य कोचिंग संस्थान भी ऐसे हैं जो मुखर्जी नगर को छोड़कर कहीं और अपनी क्लासेज शिफ्ट करने की योजना बना रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में मुखर्जी नगर खाली हो जाएगा.
दरअसल, ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए हादसे के बाद दिल्ली नगर निगम (MCD) ने मुखर्जी नगर में भी कई कोचिंग के बेसमेंट सील कर दिए थे. इसके चलते कई कोचिंग में क्लास नहीं चल पा रही हैं. UPSC जैसी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स को स्लेबस भी पीछे हो रहा है और उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है. ऐसे में कोचिंग संस्थानों पर भी दबाव बढ़ रहा है क्योंकि वे फीस पहले ही ले चुके हैं और उन्होंने परीक्षा की पूरी तैयारी कराने का वादा किया है. ऐसे में अब कई कोचिंग संस्थान विकल्प तलाशने लगे हैं.
कोचिंग संचालक से लेकर स्टूडेंट तक परेशान
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, दृष्टि IAS अब नोएडा में शिफ्ट होने की तैयारी में है. कई अन्य संस्थान भी नोएडा या दिल्ली-एनसीआर के दूसरे इलाकों में जाने के बारे में सोच रहे हैं. कोचिंग क्लास बंद होने की वजह से स्थानीय लोगों, छोटे कारोबारियों और अन्य लोगों के बीच भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. कई कोचिंग संस्थान पहले ही वजीराबाद और करोल बाग जैसे इलाकों में खुलने लगे हैं जिससे छात्र भी परेशान हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, दृष्टि के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'आने वाले समय में मुखर्जी नगर एक खाली जगह हो सकती है क्योंकि ज्यादातर कोचिंग संस्थान यहां से जा रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर इमारतें सरकार के नियमों के मुताबिक नहीं हैं. यही वजह है कि उन्हें फायर सेफ्टी का NOC नहीं मिल सकता है.' बताया जा रहा है दृष्टि ने नोएडा में कई जगहों को देखना भी शुरू कर दिया है.
मुखर्जी नगर में पसरा सन्नाटा
बता दें कि मुखर्जी नगर में 100 ज्यादा कोचिंग संस्थान हैं. इनमें कई संस्थान ऐसे भी हैं जिनकी क्लासेज कई बिल्डिंगों में चलती हैं. एमसीडी ने मुखर्जी नगर और ओल्ड राजेंद्र नगर में 20 से ज्यादा कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट सील किए हैं. ऐसे में इन जगहों पर मौजूद चाय की दुकानों, स्टेशनरी शॉप, खाने-पीने की दुकानों और अन्य जगहों पर सन्नाटा पसर गया है.
छात्रों की चिंता यह है कि अगर ये कोचिंग संस्थान दूसरी जगहों पर जाते हैं तो उन्हें रहने की जगह कैसे मिलेगी और खाने-पीने का इंतजाम कैसे होगा? साथ ही, उन्हें डर है कि कहीं प्रॉपर्टी डीलर्स का एक वैसा ही नेक्सस वहां भी न खड़ा हो जाए जैसा कि बीते कई सालों में ओल्ड राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में तैयार हो गया है.
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