अब चीन और पाक के दांत होंगे खट्टे! DRDO ने देश को दिया RudraM-II, रूसी मिसाइल जितना है खतरनाक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के इस सफल परीक्षण पर DRDO की टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह मिसाइल हमारी सशस्त्र बलों की ताकत को और मजबूत करेगी.
RudraM-II Missile Test: रक्षा अनुसंधान एंव विकास संगठन (DRDO) ने रुद्रएम-II हवा से सतह पर मान करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. DRDO ने यह परीक्षण बुधवार 29 मई को सुबह करीब 11.30 बजे ओडिशा के तट से भारतीय वायु सेना (IAF) के सुखोई-30 एमके-I प्लेटफॉर्म से किया.
यह मिसाइल प्रपल्शन सिस्टम, कंट्रोल, गाइडेंस एल्गोरिद्म जैसे सभी मानकों पर खरी उतरी. मिसाइल परीक्षण के दौरान इसकी प्रत्येक गतिविधि को ऑन-बोर्ड जहाज सहित विभिन्न स्थानों पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज द्वारा तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार, तथा टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों के माध्यम से प्राप्त डेटा के आधार पर स्वीकृति दी गयी.
रक्षा मंत्री ने दी बधाई
मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और वायु सेना को बधाई दी. उन्होंने कहा कि मिसाइल का यह सफल परीक्षण हमारी सशस्त्र ताकतों को बढ़ाने वाला है. इसने रुद्रएम-II प्रणाली को मजबूत कर दिया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के सचिव डॉ. समीर वी कामत ने भी इस सफल परीक्षण के लिए संगठन की टीम को बधाई दी.
रुद्रएम-II मिसाइल की खासियत
रुद्रएम-II हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइल स्वदेशी रूप से निर्मित ठोस चालित वायु प्रक्षेपित मिसाइल सिस्टम है, जो हवा से जमीन पर मार करने में सक्षण है और अपने किसी भी प्रकार के शत्रु को मिनटों में नेस्तनाबूद कर सकता है. इस मिसाइल सिस्टम को बनाने में डीआरडीओ की लैब में निर्मित कई प्रकार की स्वदेशी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.
एंटी-रेडिएशन मिसाइल
मिसाइल की रेंज की बात करें तो इसकी रेंज 300 किमी है और इसे सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट और मिराज-2000 विमान पर तैनाती के लिए बनाया गया है. रुद्रएम-II, रुद्रएम-I से अलग है क्योंकि इसमें पैसिव होमिंग हेड (PHH) के साथ इमेजिंग इन्फ्रारेड (IIR) सीकर को एकीकृत किया गया है. यह एक एंटी-रेडिएशन मिसाइल है और आधुनिक वायु रक्षा युद्ध में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है.