Delhi Fitness Fee: दिल्ली में टैक्सी और ऑटो चालकों को अब अपनी गाड़ियों की फिटनेस जांच के लिए पैसे चुकाने होंगे. साल 2019 से जारी मुफ्त सुविधा को एक अप्रैल से बंद कर दिया गया है. अब टैक्सी की फिटनेस जांच के लिए 300 रुपये का शुल्क तय किया गया है. साथ ही देरी पर लगने वाले जुर्माने में भी बढ़ोतरी की गई है. इससे राजधानी के करीब 50 हजार टैक्सी और एक लाख से ज्यादा ऑटो चालक सीधे प्रभावित होंगे.
2019 में केजरीवाल सरकार ने दी थी राहत
बता दें कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने सितंबर 2019 में दिल्ली के टैक्सी और ऑटो चालकों को राहत देते हुए फिटनेस जांच की फीस माफ कर दी थी. पहले टैक्सी के लिए 400 रुपये और ऑटो के लिए 200 रुपये का शुल्क लिया जाता था. यह फैसला 2020 के विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले आया था, जिससे आप को काफी राजनीतिक फायदा मिला और पार्टी ने दोबारा सत्ता में वापसी की.
बिना नोटिस लागू किया नया नियम
वहीं ऑटो-टैक्सी यूनियनों का आरोप है कि परिवहन विभाग ने इस फैसले की कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की. जब चालकों ने 1 अप्रैल को फिटनेस स्लॉट बुक करने की कोशिश की, तभी उन्हें नई फीस का पता चला. इससे गुस्साए चालकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है.
यूनियन बोली- वादे कर भूल गई सरकार
बताते चले कि ऑल दिल्ली ऑटो-टैक्सी ट्रांसपोर्ट कांग्रेस यूनियन के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा, ''भाजपा ने चुनाव से पहले हमें सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन अब उल्टा हमारे ऊपर बोझ डाला जा रहा है.'' उन्होंने बताया कि वह इस मुद्दे पर परिवहन आयुक्त से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक समय नहीं मिला. यूनियन जल्द ही परिवहन मंत्री से मुलाकात करेगी.
अब देरी पर देना होगा ज्यादा जुर्माना
इसके अलावा, अब केवल फीस ही नहीं, अब अगर कोई ऑटो या टैक्सी चालक फिटनेस जांच समय पर नहीं कराता, तो उसे पहले के मुकाबले ढाई गुना ज्यादा जुर्माना देना होगा. जहां पहले यह 20 रुपये प्रतिदिन था, अब इसे बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया गया है.