ट्रंप ने फिर दी धमकी, टैरिफ वार से भारत को होगा आघात? सरकार ने बता दिया निपटने का प्लान

US Tariff on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार भारत को टैरिफ की धमकी दे रहे हैं. अप्रैल से भारत से आयात किए गए सामान पर टैरिफ लगना शुरू हो जाएगा.

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US Tariff on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत पर रेसीपोकल टैरिफ लगाने की धमकी दी है. टैरिफ को लेकर भारतय सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत जारी है. सरकार ने यह भी कहा कि दोनों पक्ष इस समझौते को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. इसके अलावा, भारत ने अमेरिका से प्रतिबंधित संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह भी किया.

भारत सरकार के अनुसार, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए एक रूपरेखा तैयार की जा रही है. इस समझौते का उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना, बाजार तक पहुंच को आसान बनाना, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करना और आपूर्ति श्रृंखला के एकीकरण को गहरा करना है. भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने 3 से 7 मार्च तक अमेरिका का दौरा किया था, जहां उन्होंने अमेरिकी वाणिज्य सचिव और व्यापार प्रतिनिधि से मुलाकात की.

सरकार ने राज्यसभा में दिया जवाब

वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि "अब तक अमेरिका ने भारत पर कोई देश-विशिष्ट, पलटवार टैरिफ नहीं लगाए हैं." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर सभी देशों से अतिरिक्त शुल्क लगाया है, और इसका प्रभाव अभी भी मूल्यांकन किया जा रहा है.

भारत का मानना है कि दोनों देशों के अपने-अपने वैध हित और संवेदनशीलताएँ हैं. भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया, यूएई, स्विट्जरलैंड और नॉर्वे जैसे प्रमुख विकसित देशों के साथ व्यापार समझौतों के तहत अपने टैरिफ को महत्वपूर्ण रूप से घटाया है. इस संदर्भ में भारत के द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बातचीत को देखा जाना चाहिए.

सिख्स फॉर जस्टिस पर कार्रवाई की मांग

भारत ने अमेरिकी अधिकारियों से 'सिख्स फॉर जस्टिस' (SFJ) जैसे प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने कहा, "हमने अमेरिकी अधिकारियों से इस संगठन के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की उम्मीद जताई है." उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लकसन से इसी तरह की चिंताओं को साझा किया था और भारत को इस मामले में न्यूजीलैंड से सहयोग की उम्मीद है.