तमिलनाडु की राजनीति लंबे समय से फिल्मी सितारों के इर्द-गिर्द घूमी है. एम जी रामचंद्रन हों, उनकी पत्नी जानकी रामचंद्रन हों या फिर जयललिता. सत्ता पर ऐसे नेताओं का कब्जा रहा है जिन्हें जनता ने अपने हीरो के रूप में देखा. साल 2016 में मुख्यमंत्री रहीं जे जयललिता के निधन के बाद तत्कालीन सत्ताधारी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझगम (AIADMK) में पहले शांति आई और फिर आया तूफान. सत्ता की जंग ऐसी हुई कि आपस में ही AIADMK नेता लड़ गए और 'चिन्नम्मा' के नाम से मशहूर शशिकला हाशिए पर चली गईं.
ओ पन्नीरसेल्वम और ई पलानीस्वामी कभी दुश्मन बने तो कभी दोस्त लेकिन शशिकला की किसी ने नहीं सुनी. अब लोकसभा चुनाव में AIADMK की दुर्गति होने के बाद शशिकला ने ऐलान किया है कि वह इस पार्टी को दोबारा जिंदा करेंगी. उन्होंने अम्मा यानी जयललिता का जिक्र करते हुए कसम भी खा ली है कि वह साल 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में AIADMK को जिताएंगी और उसी की सरकार बनाएंगी.
AIADMK ने अभी तक एम जी रामचंद्रन और जयललिता जैसे करिश्माई नेताओं की अगुवाई में लगभग तीन दशक तक तमिलनाडु की सत्ता पर राज किया है. राज्य की इतनी ताकतवर पार्टी का हाल अब ऐसा हो गया है कि वह तमिलनाडु की 39 में से एक भी लोकसभा सीट पर चुनाव ही नहीं जीत पाई.लंबे समय से राजनीति से दूर शशिकला ने अब वापसी का ऐलान किया है. उन्होंने यह भी कहा है कि AIADMK के लिए अभी सबकुछ खत्म नहीं हुआ है.
शशिकला ने कहा है, 'हम 2026 में अम्मा (जयललिता) की सरकार बनाएंगे. वह भी पूर्ण बहुमत के साथ. हार का कारण कुछ स्वार्थी लोगों के फैसले हैं. मैं बहुत धैर्य और शांति के साथ यह सब देख रही थी.' शशिकला ने पार्टी के संस्थापक एमजीआर के सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा कि वह लोगों को माफ करने और उन्हें साथ लेकर चलने वाले इंसान थे और मैं भी इसी रास्ते पर चलूंगी.
AIADMK के बारे में शशिकला ने कहा, 'समय आ गया है, चिंता करने की बात नहीं है. तमिलनाडु के लोग हमारे साथ हैं और मैं इस बात को लेकर बहुत दृढ़ हूं.' उन्होंने यह भी कहा है कि वह जल्द ही पूरे तमिलनाडु में एक यात्रा निकालने जा रही हैं. उन्होंने AIADMK नेता ई के पलानीस्वामी पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि उन्होंने विपक्ष के नेता के तौर पर अच्छे सवाल ही नहीं पूछे हैं.
बता दें कि जयललिता के निधन के बाद ओ पन्नीरसेल्वम को सीएम बनाया गया था. हालांकि, बाद में पलानीस्वामी ने सत्ता पर कब्जा जमाया और पार्टी की की कमान पन्नीरसेल्वम के हाथ में आ गई. 2017 से 2021 तक पलानीस्वामी ने सरकार चलाई लेकिन चुनाव हारने के बाद उन्होंने पार्टी पर भी कब्जा कर लिया. फिलहाल, AIADMK के राष्ट्रीय महासचिव पलानीस्वामी ही हैं. वहीं, पन्नीसेल्वम के साथ गए नेता भी अब उनका साथ छोड़ रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि वह पलानीस्वामी से हाथ मिला लें. दरअसल, पार्टी पर पलानीस्वामी का कब्जा हो जाने के बाद पन्नीरसेल्वम ने AIADMK वर्कर्स राइट्स रीट्राइवल कमेटी बनाई थी. वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर रामनाथपुरम से लोकसभा का चुनाव भी लड़े थे लेकिन हार गए.
शशिकला एक समय पर जयललिता की सबसे करीबी हुआ करती थीं. 1988 से ही जयललिता के साथ रहने वाली शशिकला के बुरे दिन तब शुरू हुए जब 2016 में जयललिता का निधन हो गया. 1996 में जयललिता के साथ शशिकला भी जेल गईं. निधन से पहले जयललिता ने साल 2011 में शशिकला और उनके परिवार के लोगों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.2012 में शशिकला ने कहा कि वह विधायक या सांसद नहीं, जयललिता की बहन बनकर रहना चाहती हैं. शशिकला की फिर से वापसी हो गई और इस बार वह आखिरी सांस तक जयललिता के साथ रहीं.
2014 में फिर जयललिता और शशिकला को जेल हुई. 2016 में जयललिता का निधन हुआ तो शशिकला ने ही पन्नीरसेल्वम को सीएम बनाया गया.29 जनवरी 2017 को अचानक शशिकला AIADM की मुखिया चुनी गईं. 5 फरवरी 2017 को पन्नीरसेल्वम ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और शशिकला ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया. हालांकि, राजज्यपाल ने कोई फैसला नहीं लिया. इसी बीच आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला को सजा हो गई.
साल 2021 के जनवरी महीने में वह जेल से बाहर आईं. जेल से रिहाई के बाद उम्मीद थी कि वह राजनीतिक में सक्रिय होंगी. हालांकि, 4 मार्च 2021 को शशिकला ने राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान करके सबको हैरान कर दिया. हालांकि, अब तीन साल के बाद शशिकला ने वापसी का ऐलान किया है.