'किडनी की बीमारी फैल रही है, इन लोगों से मछली न खरीदें...', मियां मुसमलानों पर ऐसा क्यों बोले हिमंत बिस्व सरमा?
Himanta Biswa Sarma: असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि नागांव और मोरीगांव के लोग मछली पालन के लिए यूरिया का इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए उनसे मछली न खरीदें. उनके इस बयान को मियां मुसलमानों से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि इन जिलों में मियां मुसलमान ही मछली पालन उद्योग पर हावी हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा इन दिनों लगातार चर्चा में बने हुए हैं. कभी वह कहते हैं कि असम को मियां मुसमलानों की भूमि नहीं बनने देंगे तो कभी बहु विवाह पर रोक लगाने की बात करते हैं. अब उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने मियां मुसलमानों की ओर इशारा करते हुए कहा है कि कुछ लोग जानबूझकर यूरिया का इस्तेमाल करके मछली पालन कर रहे हैं तो ऐसे लोगों से मछली न खरीदें. उन्होंने कुछ खास इलाकों का नाम लेकर यह बात कही और कहा कि इसके चलते किडनी की बीमारी फैल रही है. इस पर AIUDF के नेता बदरुद्दीन अजमल के नाराजगी जताई है.
हाल ही में एक फेसबुक लाइव में ऐसी ही अपील करने के बाद अब हिमंत बिस्व सरमा ने वही बातें मीडिया के कैमरों के सामने भी कही हैं. उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में नागांव और मोरीगांव में मछली पालन करने वाले लोगों की वजह से ही असम में किडनी की बीमारी फैल रही है. हिमंत ने आरोप लगाए हैं कि इन जिलों में मछली पालन में यूरिया का इस्तेमाल किए जाने की वजह से ऐसा होता है. दरअसल, इन इलाकों में मियां मुसलमान बड़े पैमाने पर मछली पालन करते हैं.
अप्रवासियों को दी जा रही है धमकी
हिमंत ने सीधे-सीधे किसी समुदाय का नाम तो नहीं लिया है लेकिन उनके पुराने बयानों को देखते हुए उनका इशारा स्पष्ट है. हिमंत ने कहा है, 'मछली पालन के कई जैविक तरीके भी हैं. अगर ये लोग शॉर्टकट ही अपनाते रहेंगे तो काम नहीं चलेगा.' बता दें कि कई संगठनों ने चार जिलों के अप्रवासी मुसलमानों को धमकी दी है कि वे इलाका छोड़ दें, इसके बाद से ही ऊपरी असम में मछली पालन की आपूर्ति बंद हो गई है.
इस बारे में हिमंत सरमा ने कहा है, 'मैंने ऊपरी असम के लोगों से कहा है कि अगर वे लोग मछली नहीं भेजते हैं तो यह अच्छा है. यह अवसर अच्छा है, मार्केट पर कब्जा कर लो. लड़ाई करके नहीं, लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मछली उत्पादन का काम करिए. नागावां से आने वाली मछली मत खरीदिए, उसमें यूरिया पाई जा रही है और इस कारण असम में डायलिसिस के सेंटर बढ़ाने पड़े हैं.'
हिमंत के बयान पर बदरुद्दीन अजमल ने कहा है, 'सीएम हिमंत बिस्व सरमा को मुसलमानों को सताकर अपनी चमक दिखाने में मजा आता है. उन्होंने जुम्मा ब्रेक बंद कर दिया. विधानसभा और संसद को राजनीति के अलग रखा जाना चाहिए.' बता दें कि पिछले कुछ समय से सीएम हिमंत बिस्व सरमा मियां मुसलमानों के खिलाफ हमलावर हैं और खुलकर कह चुके हैं कि वह असम को मियां मुसमलानों की भूमि नहीं बनने देंगे.
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