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India Daily

'मराठा समुदाय के लिए आरक्षण से सहमत नहीं..', केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का शिंदे सरकार के फैसले के खिलाफ बगावती सुर

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री शिंदे सरकार की ओर से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण से सहमत नहीं हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे राज्य में अन्य पिछड़े समुदायों में असंतोष पैदा हो सकता है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
Narayan Rane

हाइलाइट्स

  • नारायण राणे का शिंदे सरकार के फैसले के खिलाफ बगावती सुर
  • 'मराठा समुदाय के लिए आरक्षण से सहमत नहीं'

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे शिंदे सरकार की ओर से मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के फैसले से सहमत नहीं हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे राज्य में अन्य पिछड़े समुदायों में असंतोष पैदा हो सकता है. राणे ने कहा कि इस कदम से राज्य में अशांति फैल जाएगी और अन्य पिछड़े समुदायों पर अतिक्रमण होगा. 

'मराठा समुदाय के लिए आरक्षण से सहमत नहीं' 

एक्स पर मराठी में लिखे एक पोस्ट में राणे ने लिखा "मैं मराठा समुदाय के आरक्षण के संबंध में राज्य सरकार द्वारा लिए गए निर्णय से सहमत नहीं हूं. मराठा समुदाय की ऐतिहासिक परंपराएं हैं और अन्य पिछड़े समुदायों पर अतिक्रमण से राज्य में असंतोष पैदा हो सकता है."

मनोज जारांगे का अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त 

27 जनवरी को महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी मांगें स्वीकार किए जाने के बाद कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मराठा आरक्षण के लिए अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया. अनशन पर बैठे कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने शिंदे से जूस का गिलास लेकर अपना अनशन तोड़ा, सरकार ने उनकी सभी मांगें मानने का वादा किया. शिंदे और पाटिल ने मिलकर नवी मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माला चढ़ाई. 

मसौदे के बाद पाटिल का बड़ा ऐलान 

शिंदे ने कार्यकर्ता मनोज जारांगे की मांगों पर अधिकारियों के साथ बैठक की थी और शुक्रवार रात एक मसौदा अध्यादेश के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था, जिसके बाद पाटिल ने कहा कि वह अपना विरोध समाप्त कर रहे हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की थी कि जब तक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक उन्हें ओबीसी को मिलने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे.