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India Daily

DMK के नेता ने महिला पुलिसकर्मी पर थाने के अंदर किया हमला! जांच करने की मांग

तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में गुरुवार को एक महिला सब-इंस्पेक्टर पर थाने के अंदर हमला किए जाने की घटना सामने आई, जिससे राज्य में राजनीतिक विवाद छिड़ गया है'

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Edited By: Babli Rautela
Tamil Nadu Woman Cop
Courtesy: Social Media

Tamil Nadu Woman Cop: तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में गुरुवार को एक महिला सब-इंस्पेक्टर के साथ थाने के अंदर मारपीट की घटना सामने आई, जिससे राज्य में राजनीतिक हलचल मच गई है. यह घटना कराईकुडी के पास स्थित सोमनाथपुरम थाने में हुई, जब विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके) पार्टी के नेता इलैया गौतमन अपने नौ समर्थकों के साथ शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे.

जानकारी के अनुसार, सब-इंस्पेक्टर प्रणिता और गौतमन के बीच किसी मुद्दे को लेकर बहस शुरू हो गई, जो देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई. आरोप है कि बहस के दौरान इलैया गौतमन ने न केवल प्रणिता के साथ बदसलूकी की, बल्कि उन्हें धमकी भी दी. बताया जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने महिला अधिकारी की वर्दी उतारने और उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित करने की धमकी दी.

परिवार ने लगाए गंभीर आरोप

प्रणिता की मां ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा, 'इलैया गौतमन और उनके समर्थक जबरन थाने में घुसे और मेरी बेटी के साथ दुर्व्यवहार किया. उन्होंने उसे धमकाया, वर्दी खींची और जमीन पर गिरा दिया. मेरी बेटी इस हमले से इतनी आहत हुई कि उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी, जिसके बाद हमने उसे अस्पताल में भर्ती कराया.'

पुलिस प्रशासन का बचाव

हालांकि, शिवगंगा पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल एक मामूली कहासुनी थी और कोई शारीरिक हमला नहीं हुआ. एक पुलिस अधिकारी ने बयान दिया, 'थाने के अंदर किसी भी तरह की हिंसा नहीं हुई, यह महज एक तीखी बहस थी.' लेकिन इसके बावजूद, कुछ तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिनमें प्रणिता को अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए और उनके शरीर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं. इससे पुलिस के दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं.

इस घटना को लेकर तमिलनाडु की राजनीति गरमा गई है. विपक्षी दल एआईएडीएमके (AIADMK) प्रमुख एडप्पादी पलानीस्वामी ने डीएमके (DMK) सरकार की तीखी आलोचना की. उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'एक ऐसी स्थिति जहां पुलिस अधिकारी भी अपने ही थाने में सुरक्षित नहीं हैं, यह 'स्टालिन मॉडल' शासन की सच्चाई को उजागर करता है. मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं.' उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा, 'बच्चे स्कूलों में सुरक्षित नहीं हैं, महिलाएं सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित नहीं हैं, बुजुर्ग महिलाएं अपने घरों में सुरक्षित नहीं हैं और अब तो पुलिस अधिकारी भी थानों में सुरक्षित नहीं हैं! यह सरकार नागरिकों की सुरक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है.'

सरकार पर बढ़ा दबाव

इस घटना के बाद राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है. अलग अलग महिला संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है. सोशल मीडिया पर भी इस घटना की तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है और लोग महिला पुलिस अधिकारी के समर्थन में आवाज उठा रहे हैं. अब देखना यह होगा कि तमिलनाडु सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है और क्या इलैया गौतमन के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई की जाएगी.