नोएडा वाला फ्लैट बीवी के नाम करना होगा, 3 करोड़ देने होंगे, काफी महंगा पड़ गया तलाक
उत्तर प्रदेश के नोएडा में विपिन कुमार जायसवाल और मनीषा अग्रवाल की शादी 6 दिसंबर 1994 को फर्रुखाबाद में हुई थी. साल 2017 में इन दोनों ने गौतम बुद्ध नगर की फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक की अर्जी खारिज कर दी. पति ने इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की. कई साल तक तक चली सुनवाई के बाद आखिरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इसका निपटारा कर दिया है. हालांकि पति को यह तलाक काफी महंगा पड़ गया है. कोर्ट ने कहा है कि तीन करोड़ रुपये और नोएडा का फ्लैट पत्नी के नाम करना होगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलाक के मामले में एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने काफी लंबे से चल रहे विवाद के चलते अलग रह रहे पति-पत्नी की शादी भंग कर तलाक की मंजूरी दे दी है. इसी के साथ कोर्ट ने कहा है कि पति अपनी पत्नी को तीन करोड़ रुपये देगा. साथ ही इस रकम को छह हफ्ते में भुगतान करने का निर्देश दिया है. दरअसल उत्तर प्रदेश के नोएडा में विपिन कुमार जायसवाल और मनीषा अग्रवाल की शादी 6 दिसंबर 1994 को फर्रुखाबाद में हुई थी. इन दोनों के दो बच्चे भी हैं. साल 1999 में इन्होंने नोएडा में एक फ्लैट खरीदा था. पिता की मौत के बाद पत्नी बच्चों सहित अपनी मां के यहां रहने लगी. इसके बाद साल 2007 में विवादों की वजह से पत्नी ने पति को नोएडा के फ्लैट से निकाल दिया है, जिसके बाद कई केस दर्ज हुए, घरेलू हिंसा के साथ ही तलाक का केस भी दायर किया गया.
फैमिली कोर्ट ने पत्नी के अलग रहने के आधार पर तलाक देने से इनकार कर दिया. इसी आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. अब कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच विपिन कुमार जायसवाल अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए एकमुश्त तीन करोड़ रुपये और नोएडा में फ्लैट देने को राजी हो गए हैं.
काफी महंगा पड़ गया तलाक
इसी को लेकर कोर्ट ने मामले का पटाक्षेप कर दिया और तलाक को मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने कहा है कि रकम का भुगतान छह हफ्तों में करना होगा. इसी के साथ कोर्ट ने फैमिली कोर्ट गौतमबुद्ध नगर के तलाक देने से इंकार के आदेश को भी रद्द कर दिया है. यह आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास की खंडपीठ ने विपिन कुमार जायसवाल की पहली अपील को मंजूर कर लिया है.
क्या है पूरा मामला?
साल 2007 में इसी फ्लैट में एक झगड़े के बाद पत्नी ने पति को घर से निकाल दिया. उसके बाद दोनों के बीच कई तरह के केस मुकदमे चले जिसमें घरेलू हिंसा से लेकर हत्या की साजिश तक का आरोप लगा. जवाब में पत्नी ने कहा कि उनके जेठ का कोई बच्चा नहीं है और पति चाहते थे कि वो अपने छोटे बेटे को उन्हें गोद दे दें जो उन्हें मंजूर नहीं था. पत्नी ने इसी बात को अपने वैवाहिक संबंध में सारी कलह को वजह बताया है.