उत्तराखंड में हिमस्खलन का कहर, सेना ने बचाए 47 लोग; 8 की तलाश जारी
चमोली में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत, विभिन्न टीमों ने अब तक 47 श्रमिकों को सुरक्षित निकाला है, जबकि 8 मजदूर अब भी फंसे हुए हैं. SDRF, NDRF, जिला प्रशासन, आईटीबीपी और बीआरओ की टीमें लगातार सक्रिय हैं.
Uttarakhand Avalanche: उत्तराखंड के बद्रीनाथ में माणा गांव के पास हिमस्खलन की चपेट में आए 55 श्रमिकों में से 47 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि 8 मजदूर अब भी फंसे हुए हैं. भारतीय सेना, बीआरओ और आपदा प्रबंधन की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन भारी बर्फबारी और लगातार हो रहे छोटे हिमस्खलनों के कारण राहत अभियान बाधित हो रहा है.
रात में रोका गया बचाव अभियान, बढ़ी चुनौतियां
आपको बता दें कि उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, हिमस्खलन स्थल पर करीब 7 फीट तक बर्फ जमा है, जिससे बचाव अभियान में दिक्कतें आ रही हैं. बचाव कार्य को रात के समय रोकना पड़ा, जिससे शेष श्रमिकों को निकालने की चुनौती और बढ़ गई. वहीं भारतीय सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (QRT) और आईबेक्स बिग्रेड के 100 से अधिक जवानों को मौके पर तैनात किया गया है, जिनमें डॉक्टर, एंबुलेंस और विशेष उपकरण शामिल हैं.
फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने की कोशिशें जारी
बता दें कि भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्त्वाल ने बताया कि अब तक पांच कंटेनरों में से 10 लोगों को जिंदा बचाया गया, जिनमें से चार की हालत गंभीर है. सेना और बीआरओ की टीमें शेष तीन कंटेनरों में फंसे श्रमिकों की तलाश में जुटी हैं.
केंद्र सरकार की नजर, पीएम मोदी ने दिया हर संभव मदद का आश्वासन
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री आवास से लगातार बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर ताजा हालात की जानकारी दी. साथ ही पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर कहा, ''चमोली में हिमस्खलन की घटना को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और संबंधित एजेंसियों से संपर्क किया है. फंसे हुए लोगों को बचाना हमारी प्राथमिकता है.''
बचाए गए मजदूरों की हालत गंभीर, जोशीमठ में इलाज जारी
बताते चले कि अब तक बचाए गए 47 श्रमिकों में से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका इलाज जोशीमठ में किया जा रहा है. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, फंसे हुए श्रमिक बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों से हैं. हालांकि, टीमें पूरी सावधानी के साथ बचाव अभियान को अंजाम दे रही हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
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