Mp Man Disabled Quota: मध्य प्रदेश के सागर जिले के सत्या राजक को राज्य सेवा परीक्षा 2022 में ब्लाइंड कोटे के तहत एक्साइज सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित किया गया था, लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर उनके दोपहिया वाहन चलाने की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिससे उनके ब्लाइंड होने पर सवाल उठने लगे हैं.
उज्जैन जिले के महिदपुर रोड के निवासी प्रिंस यादव ने इस मामले में जांच की मांग की है. यादव का कहना है कि अगर सत्या राजक सच में ब्लाइंड हैं, तो उन्होंने कैसे ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया. उन्होंने राजक के द्वारा दोपहिया वाहन चलाने की तस्वीरें अपने शिकायत पत्र के साथ जोड़ी हैं और पूछा है कि राजक को कैसे ब्लाइंडनेस का प्रमाणपत्र मिला.
प्रिंस यादव ने सागर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को पत्र लिखते हुए कहा, 'राजक की सोशल मीडिया तस्वीरें दिखाती हैं कि वह बिना किसी परेशानी के दोपहिया और चारपहिया वाहन चला रहे हैं. इसके अलावा, उनके पास एक ड्राइविंग लाइसेंस भी है, जो नियमों के खिलाफ है, क्योंकि अंधे व्यक्ति को 40 प्रतिशत से अधिक ब्लाइंडनेस होने पर लाइसेंस नहीं मिल सकता.' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजक ने झूठी जानकारी देकर प्रमाणपत्र प्राप्त किया.
सत्याम राजक ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा, 'मेरे ड्राइविंग लाइसेंस 2017 में जारी हुआ था, जब मैं पूरी तरह से स्वस्थ था. COVID-19 के बाद मेरी आंखों की समस्या बढ़ी और 2021 में मैंने दृष्टिहीनता का प्रमाणपत्र प्राप्त किया.'
राजक ने यह भी कहा कि जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वे 2021 से पहले की हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि यह शिकायत व्यक्तिगत लाभ के लिए की गई है. इस मामले में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) और स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.