'इंडिया' या फिर 'भारत'? NCERT की किताब में क्या होगा इस्तेमाल, अधिकारी ने दिया जवाब

NCERT On Replace India Into Bharat: राम मंदिर, अयोध्या और बाबरी को लेकर इन दिनों NCERT सुर्खियों में हैं. इस बीच एक सवाल का जवाब फिर से सुर्खी बनाने लगा है. एक अधिकारी ने एक बहस को बेकार बताते हुए कहा कि दोनों नामों का उपयोग एक दूसरे के स्थान पर किया जाता रहेगा. परिषद को किताबों में भारत या इंडिया के इस्तेमाल से कोई आपत्ति नहीं है.

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NCERT On Replace India Into Bharat: राम मंदिर, अयोध्या और बाबरी को लेकर सुर्खियों में आई NCERT अब एक बार फिर खबरों में है. कुछ महीने पुरानी इंडिया बनाम भारत की बहस ने फिर से जन्म ले लिया है. अब चर्चा चल रही है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) अपनी सभी किताबों में इंडिया की जगह भारत करने वाला है. इस पर परिषद ने कड़ा रुख अपनाया है. परिषद की ओर से कहा गया कि ये फिजूल की बहस है. हम इसमें नहीं पड़ना चाहते. दोनों नामों का इस्तेमाल होता रहेगा.

सोमवार को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने 'भारत' बनाम 'इंडिया' बहस पर कड़ा रुख अपनाया है. परिषद ने कहा कि दोनों नामों का इस्तेमाल एक दूसरे के स्थान पर किया जाएगा. इस तरह के बहस का जन्म देना बेकार है.

परिषद ने साफ किया रुख

सभी कक्षाओं की पाठ्य पुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत शब्द के लिए सामाजिक विज्ञान पाठ्यक्रम पर काम कर रही उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश की है. इस सवाल पर परिषद के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि हमारे पाठ्यपुस्तकों में भारत और इंडिया दोनों का उपयोग होगा. जैसा देश के संविधान में है. जहां जिस नाम की जरूरत होगा उस नाम को उपयोग किया जाएगा. हमें भारत या इंडिया के इस्तेमाल से कोई आपत्ति नहीं है.

दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि हमारा रुख वही है जो हमारा संविधान कहता है और हम उसी पर कायम हैं. दोनों नामों के इस्तेमाल में समस्या क्या है? दोनों शब्दों का प्रयोग हमारी किताबों में पहले से होता आया है. इस बेकार की बहस में पड़ने का कोई अर्थ नहीं है.

नाम बदलने का क्या है तर्क?

पिछले साल एक समिति का गठन किया गया था. जिसका काम स्कूलों के पाठ्यक्रम में संशोधन के सुझाव देने थे. उच्च स्तरीय समिति ने सिफारिश की थी कि पाठ्यपुस्तकों में इंडिया के स्थान पर भारत शब्द लिखा जाना चाहिए. इसके साथ ही प्राचीन इतिहास और शास्त्रीय इतिहास जोड़ने की सलाह दी गई थी.इसके पीछे तर्क दिया गया था कि भारत एक सदियों पुराना नाम है. भारत नाम का इस्तेमाल प्राचीन ग्रंथों में किया गया है. ऐसे में वास्तविक नाम वही है.

कब शुरू हुई बहस?

भारत बनाम इंडिया की बहस जी-20 सम्मेलन के समय से शुरू हुई थी. इसमें विश्व भर के नेताओं को भेजे गए निमंत्रण 'भारत का राष्ट्रपति' लिखा गया था. इसके बाद शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेम प्लेट पर भी इंडिया की जगह भारत लिखा गया था. इसके बाद से ही देश में ये बहस छिड़ी हुई है कि नाम को बदलना चाहिए.